रुहेलखंड के सियासी संग्राम का परिणाम युवा वोटर तय करेंगे। बरेली मंडल के चारों जिलों की 25 विधानसभा सीटों के परिणाम बदलने की ताकत 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं में है। बरेली मंडल में 18 से 39 साल के युवा वोटर का आंकड़ा 4754030 है। जो 51 फीसदी से अधिक है। 136148 मतदाता पहली बार मतााधिकार का इस्तेमाल करेंगे। बरेली मंडल के बरेली-बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में 9305512 मतदाता हैं। राजनीतिक पार्टियां और टिकट के दावेदारों की नजर युवा वोटरों पर टिकी है। युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए टिकट के दावेदार नए-नए ऐलान कर रहे हैं।
बरेली मंडल की राजनीति में युवा सियासी चेहरे कम हैं। विधायक और टिकट के ज्यादातर मजबूत दावेदारों की उम्र 40 के पार है। विधायक बनने की दौड़ में शामिल दावेदारों की किस्मत का फैसला नौजवान मतदाता ही करेंगे। सभी राजनीतिक दलों ने वोटरों को अपनी ओर रिझाने के दांव चलने शुरू कर दिए हैं। सियासी महारथी नौजवानों के रोजगार दिलाने के दावा कर रहे हैं। युवाओं के विकास के लिए बड़े-बड़े दावे सियासी दल कर रहे हैं। बगैर यूथ वोटर बरेली मंडल की किसी भी सीट पर उम्मीदवार का बेड़ा पार नहीं लग सकेगा।
हर सीट पर युवा मतदाताओं का ग्राफ आधे से अधिक है। युवा हर चुनाव में बढ़ चढ़कर मतदान करते हैं। बरेली मंडल के चारों जिलों में मतदाता पुनरीक्षण के तहत चलाए गई मुहिम का जबरदस्त असर हुआ है। खूब युवाओं को वोटर बनाया गया। रिकार्ड 136148 मतदाता 18 से 19 साल के शामिल किए गए हैं। ये पहली बार वोट डालेंगे। युवाओं ने वोटर बनने में खासी दिलचस्पी दिखाई। सियासी रणनीतिकार युवाओं के हिसाब अपनी चुनावी प्लान तैयार कर रहे हैं। राजनीतिक दल युवा वोटर को साथ लाने के लिए उनसे डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए संपर्क कर रहे हैं। बरेली मंडल में सियासी महारथियों के सामने यूथ मतदाताओं साधने की बड़ी चुनौती है। राजनीतिक दल कुछ युवाओं दावेदारों को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रहे हैं।