पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) और पॉप स्टार रियाना (रिहाना) के किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के बाद बॉलीवुड और खेल जगत की कुछ नामचीन हस्तियों ने जिस तरह सरकारी भाषा में ट्वीट किए, इसे लेकर उनकी आलोचना हुई। इन हस्तियों में स्वर कोकिला लता मंगेशकर, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सहित कई लोग शामिल रहे। इसके बाद इन दोनों हस्तियों से सोशल मीडिया पर कई सवाल पूछे गए थे और कहा गया था कि आपको सरकार के बजाए किसानों के समर्थन वाली भाषा बोलनी चाहिए।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। ठाकरे ने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों के मामले में अपने समर्थन में ट्वीट करवाकर लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर जैसी हस्तियों की प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगाना चाहिए।
ग्रेटा और रिहाना के ट्वीट्स के बाद लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर ने मैदान में उतरते हुए जवाबी ट्वीट्स किए थे। दोनों ने जो ट्वीट किए थे, उनमें यही कहा गया था कि किसान आंदोलन भारत का आंतरिक मामला है और इस बारे में कोई फ़ैसला भारतीयों को ही करना चाहिए, साथ ही भारत की संप्रभुता के साथ किसी तरह का समझौता न किए जाने की बात भी कही गई थी।
राज ठाकरे ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि यह मामला सरकार से जुड़ा है न कि देश से। उन्होंने कहा कि यह वैसी बात नहीं है कि भारत चीन और पाकिस्तान से किसी तरह के ख़तरे का सामना कर रहा है। ठाकरे रविवार को मुंबई में पत्रकारों से बात कर रहे थे।