सरकार देश के मतदाताओं (Indian Voters) के वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) को उनके आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है. कैबिनेट की ओर से इसके विधेयक (Voter ID to Aadhaar Link) को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी. अब सोमवार को इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया जाना है. वहीं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने इस संबंध में बात की है. उनका कहना है कि आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने से देश में बड़ी संख्या में नकली मतदाताओं की समस्या दूर होगी और चुनाव डेटाबेस को ठीक किया जा सकेगा. एचएस ब्रह्मा ने ही 2012 में पहली बार इस योजना का विचार पेश किया था.
मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले अपने 2010-2015 के कार्यकाल के दौरान 2012 में चुनाव आयुक्त के रूप में इसका प्रस्ताव रखा था. उन्होंने बताया, ‘यह सुनिश्चित करेगा कि कोई डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड न हो और लोगों को तब मदद मिलेगी जब वे शहर में शिफ्ट करना चाहते हैं और वहां अपना वोट डालना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि गोपनीयता का मुद्दा इतनी बड़ी समस्या है जिसे हम हल नहीं कर सकते. सावधानियां बरती जा सकती हैं.’
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को पिछले सप्ताह कैबिनेट द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद इसे सोमवार को संसद में पेश किया जाना है. यह अलग-अलग जगहों पर एक ही व्यक्ति के कई नामांकन के खतरे को रोकने के लिए आधार डेटा के साथ मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की अनुमति देने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है. मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना स्वैच्छिक है क्योंकि संशोधन विधेयक कहता है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसे मतदाता सूची में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ब्रह्मा ने कहा, ‘भारत में बड़ी संख्या में नकली मतदाता होने की समस्या है. 2012 में मैंने प्रस्ताव दिया था कि हम वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करें ताकि डुप्लीकेट कार्डस को हटाया जा सके. बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके नाम अलग-अलग जगहों पर मतदाता सूची में मिलते हैं. जैसे मैं असम का हूं, मेरे पास दिल्ली में कार्ड हो सकता है, मेरे पास तेलंगाना में कार्ड हो सकता है (क्योंकि मैं आंध्र कैडर से संबंधित हूं). इसलिए वोटर आईडी कार्ड डेटाबेस को ठीक करने के मकसद से मैंने कहा था कि इसे आधार कार्ड से लिंक किया जाए.’