शुक्रवार को सुप्रिम कोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्यआरोपी इंद्राणी मुखर्जी के जमानत याचिका पर CBI और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। 16 नवंबर 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी के जमानत को खारिज कर दिया था। मुखर्जी ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रिम कोर्ट में अपील किया। जिसके बाद जस्टिस एल नागेश्वर राव और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए CBI और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट में मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। गौरतलब है कि मुखर्जी अगस्त 2015 से गिरफ्तार होने के बाद मंबई की भायखला महिला जेल में बंद है। हत्या के आरोप में सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत ने कई मौकों पर जमानत देने से इंकार कर दिया था। बता दें कि मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की कथित तौर पर हत्या का मुकदमा चल रहा है। शीना बोरा (24) की अप्रैल 2012 में मुखर्जी, मुखर्जी के तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना के द्वारा गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद शव को रायगढ़ के जंगल में जला दिया गया था।बोरा का जन्म मुखर्जी के पहले पति से हुआ था। पीटर मुखर्जी को भी कथित तौर पर साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें फरवरी 2020 में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
तीन साल तक पुलिस इस मामले की जांच में जुटी रही। आमतौर पर समय के साथ सुबूत हाथ लगते हैं, लेकिन इस केस में समय बीतने के साथ केस और पेचीदा होता जा रहा था। साल 2015 में मुंबई पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली, जिसके आधार पर इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में ड्राइवर ने हत्या में शामिल होने की बात कबूली। इस मामले में चौकाने वाली बात यह थी कि लोग शीना को इंद्राणी की छोटी बहन समझ रहे थे, लेकिन हकीकत सामने आई तो पता चला कि शीना इंद्राणी की बहन नहीं बल्कि बेटी थी। इंद्राणी के बेटे मिखाइल ने दावा किया था कि शीन और इंद्राणी के दूसरे पति का बेटा राहुल एक दूसरे को डेट कर रहे थे। इंद्राणी को इस संबंध से आपत्ति थी और इसी वजह से शीना की कर दी गई थी।