अजीत हत्याकाण्ड के मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर ने एनकाउंटर से पहले रिमाण्ड के दूसरे दिन रविवार को पुलिस के सामने कई खुलासे किए थे। उसने कुबूला था कि घायल राजेश तोमर के इलाज के लिये जब चिनहट में अवध बस स्टेशन के पास अपार्टमेंट में डॉक्टर बुलाया गया तो वह भी वहां पर था। वह हत्या के बाद स्कूटी से इस अपार्टमेंट तक पहुंचा था। फिर यहां से वह स्कूटी से ही पीजीआई के पास पहुंचा जहां आजमगढ़ के एक ब्लाक प्रमुख (एसआई) द्वारा भेजी गई स्कार्पियो मिली। इसमें मौजूद युवक को उसने मोबाइल व दो असलहे दिये। फिर इस गाड़ी को उसने ले लिया और युवक स्कूटी लेकर चला गया।
अंकुर के खाते में जमा हुए रुपये
गिरधारी ने बताया कि उसे इस हत्याकाण्ड के लिये आर्थिक मदद भी कुंटू व अखण्ड के कहने पर मिलती रही। कुंटू के एक दोस्त ने अंकुर व बंधन के खाते में हत्या से पहले काफी रकम जमा की। फिर इन दोनों ने उसे यह रकम नगद दी थी। जब भी रुपयों की जरूरत पड़ी, उसे दिलाये गये।
अंकुर ने किराये पर लिया था अपार्टमेंट
गिरधारी ने बताया कि वाराणसी पुलिस ने जब उस पर हत्या के मामले में एक लाख रुपये इनाम घोषित किया तो वह लखनऊ भाग आया था। यहां अंकुर ने अपने नाम से अलकनंदा अपार्टमेंट में एक फ्लैट किराये पर जुलाई, 2020 में लिया था। यहां रहकर ही वह प्रापर्टी डीलिंग करने लगा था। यह बात रिमाण्ड पर लिये गये शूटर संदीप सिंह उर्फ बाबा ने भी कुबूली थी। यहां रहने के दौरान ही कुंटू ने उससे अजीत की हत्या के लिये सम्पर्क किया था। तब वह जेल में उससे मिलने भी गया था।
दिल्ली में मॉल पहुंचो, पुलिस आ जायेगी
गिरधारी ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली चला गया था। फिर बाहुबली के कहने पर ही वह एक मॉल में गया। उसे कहा गया था कि कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस आयेगी और उसे पकड़ लेगी। फिर ऐसा ही हुआ और नाटकीय गिरफ्तारी के बाद वह तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। पुलिस का दावा है कि गिरधारी के एक नम्बर का पता चला है जिसमें सिर्फ पांच काल ही हुई है और ये अंतिम काल बाहुबली की बतायी जा रही है। रविवार को उसने डीसीपी संजीव सुमन, विवेचक चन्द्रशेखर, एडीसीपी कासिम व अन्य अफसरों के सामने ऐसे ही कई खुलासे किये। गिरधारी की रिमाण्ड 13 जनवरी को शुरू हुई थी जो 16 फरवरी की सुबह 11 बजे तक रहेगी।