श्रमिकों के बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग द्वारा संत रविदास शिक्षा सहायता योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत मजदूरों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी ताकि वह बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई कर सके। इस योजना के तहत कक्षा एक से बारहवीं तक के छात्र आवेदन कर सकते हैं और इसके साथ ही आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।
संत रविदास शिक्षा योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य से बेरोजगारी दर कम हो और मजदूरों के बच्चे आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकें। अक्सर आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से श्रमिक परिवार के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई भी अधूरी रह जाती है।
योजना का उद्देश्य
संत रविदास शिक्षा सहायता योजना 2022 का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए और वह स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई करते रहे। इस योजना के तहत 100 रुपये से 5000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से बेरोजगारी दर में भी कमी आएगी क्योंकि उत्तर प्रदेश के बच्चों को बिना किसी बाधा के पढ़ाई करने पर रोजगार मिलेगा।
योजना के लाभ
संत रविदास शिक्षा सहायता योजना का लाभ राज्य के श्रमिक परिवारों के बच्चों को ही प्रदान किया जाएगा। संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रमिक परिवारों के बच्चों को 100 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। एक परिवार के दो बच्चे संत रविदास शिक्षा सहायता योजना का लाभ उठा सकते हैं।
संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग और मेडिकल में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए 8000 रुपये और 12000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। आवेदन करने के लिए आवेदक की उम्र 35 साल या उससे कम होनी चाहिए। संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के माध्यम से कक्षा में प्रवेश लेते ही पहली किस्त प्रदान कर दी जायेगी। यदि कोई छात्र उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा योजना के तहत फेल हो जाता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। संत रविदास शिक्षा सहायता योजना में केवल वही पात्र हैं जो अन्य सरकारी छात्रवृत्ति योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं।