समझिए कैसे होता है जर्मनी में चुनाव, कैसे बनेगी वहां सरकार

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जर्मनी में वोटिंग के बाद नतीजे भी आ चुके हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. जर्मनी में चुनाव मुख्य तौर पर 05 पार्टियों के बीच हो रहा था. वैसे भी दूसरे विश्व युद्ध के बाद वहां कभी किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, लिहाजा सरकार हमेशा गठजोड़ की ही बनती रही है. इस बार भी वही होगा. आइए जानते हैं कि जर्मनी में किस तरह वोट पड़ते हैं. कैसी है वहां की संसद. सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को कितने फीसदी वोट चाहिए होते हैं. कैसे कोई शख्स वहां का चांसलर बनता है.

जर्मनी की आबादी करीब 8.3 करोड़ है. लेकिन इस आबादी में कुल 6.04 करोड़ मतदाता हैं. 18 साल का होने वाला कोई भी युवा वोटर की पात्रता रखता है. वहां चुनाव हर 04 साल पर होते हैं. चुनाव कराने का जिम्मा इलैक्शन मैनेजमेंट बॉडी नाम की एक संस्था को होता है. चुनाव जर्मनी के निचले सदन बुंडेस्टाग के लिए होता है. इसी संसद की चुनी हुई सरकार देश को चलाती है.

चुनाव में मुख्य तौर पर कितनी पार्टियां थीं, क्या रहे उनके रिजल्ट?
– मोटे तौर पर जर्मनी के इस चुनावों में 06 पार्टियां मैदान में थीं. उसके अलावा कुछ छोटी-छोटी पार्टियां भी. जर्मनी की सत्ताधारी पार्टी का नाम सीडीयू है यानि क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी. ये जर्मनी की सबसे पुरानी पार्टी है. इसकी स्थापना 1945 में हुई थी. ये हमेशा अपने सहयोगी सीएसयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है. जो मुख्य तौर पर बावरिया का एक क्षेत्रीय दल है. इसका पूरा नाम क्रिश्चियन सोशल यूनियन ऑफ बावरिया है. इस चुनाव में इन दोनों को 24.1 वोट मिले हैं.

जर्मनी के चुनावों में इस बार जिस पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं, वो एसपीडी यानि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जर्मनी है. इस पार्टी का गठन 1963 में हुआ. अंतरिम नतीजों के अनुसार एसपीडी को 25.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं.

तीसरे नंबर ग्रीन पार्टी है. जिसे 14.8 प्रतिशत वोट मिले हैं. ये पार्टी 1993 में बनी थी. यह ग्रीन पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

इसके अलावा दो अन्य मुख्य पार्टियों एफडीपी यानि फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी को 11.5 फीसदी और एएफडी यानि अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी को 10.3 फीसदी वोट मिले. इसके अलावा डी लिंके नाम की पार्टी को 4.9 वोट परसेंटेज हासिल हुए. अन्य पार्टियों ने 8.7 फीसदी वोट मिले. एफडीपी को कारोबारी समर्थक माना जाता है तो एएफडी धुर दक्षिणपंथी और डी लिंके वामपंथी दल है.

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