उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ कर दिया है कि वह समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को वह सपा का दामन थामेंगे। बीजेपी की ओर से उन्हें मनाए जाने की हो रही कोशिशों को लेकर मौर्य ने कहा कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। मौर्य के बाद उनके साथ बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर चुके कई और विधायक भी सपा में शामिल हो सकते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ”मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहा हूं। मुझे किसी भी छोटे या बड़े नेता का फोन नहीं आया है। यदि वे समय पर सजग होते और जनता के मुद्दों पर काम किया होता तो बीजेपी को इसका सामना नहीं करना पड़ता।”
ओबीसी समाज के दिग्गज नेता और पांच बार के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके तुरंत बाद अखिलेश यादव ने उनके साथ तस्वीर साझा करते हुए ऐलान किया कि स्वामी अब सपा में शामिल हो गए हैं। हालांकि, कुछ देर बाद ही स्वामी ने इस बात से इनकार करके सस्पेंस बढ़ा दिया। स्वामी की बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी पिता के सपा में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
क्यों बीजेपी से तोड़ा नाता?
मौर्य ने ट्विटर पर लिखा था कि वह दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु व मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर अपेक्षा की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है। मौर्य योगी सरकार में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री थे। हालांकि, चर्चा यह भी है कि मौर्य पार्टी में खुद को साइडलाइन महसूस कर रहे थे और उनके कई करीबियों को टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी। वह बेटे को भी रायबरेली की ऊंचाहार सीट से टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन दो बार इस सीट से हार चुके उत्कृष्ट मौर्य पर बीजेपी दांव लगाने को तैयार नहीं थी।