सुल्तानपुर संवाददाता अंकुश यादव
सुल्तानपुर में मलेरिया-फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम लचर, जिम्मेदार डीएमओ बंशीलाल यादव पर लापरवाही और मनमानी के आरोप।
सुल्तानपुर।
मलेरिया और फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए योगी सरकार लगातार योजनाएं चला रही है, लेकिन जिले में जिम्मेदार अधिकारी ही अपने कर्तव्यों से लापरवाह बने हुए हैं। नतीजतन, योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है। हाल ही में 20 अगस्त को मनाए गए विश्व मच्छर दिवस पर इसका बड़ा उदाहरण देखने को मिला।
जिले में इस दिन किसी तरह की जन-जागरूकता गतिविधि नहीं की गई। जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भारत भूषण से मांगी गई तो उन्हें भी कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी।
📌 डीएमओ पर गंभीर आरोप
सूत्रों के अनुसार, जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) बंशीलाल यादव अक्सर काम की बजाय अपने बड़बोलेपन के लिए चर्चाओं में रहते हैं। जानकारी के लिए फोन करने पर उनका फोन उठाना तो दूर, सवाल पूछने वाले नंबर को ब्लैकलिस्ट तक कर देते हैं। बताया जा रहा है कि वे विभागीय कार्यों पर पकड़ रखने में नाकाम हैं।
कर्मचारियों पर भी नियंत्रण की कमी साफ झलकती है। कोई लैब टेक्निशियन खुद को डॉक्टर बताता है तो कोई फाइलेरिया इंस्पेक्टर बायोलॉजिस्ट की कुर्सी पर कब्जा जमाए बैठा है। लेकिन डीएमओ इस पर कोई ध्यान नहीं देते।
📌 योजनाओं की अनदेखी
मच्छर संग्रह केंद्र (Mosquito Collection Centre) की संख्या और कार्यप्रणाली की जानकारी डीएमओ को नहीं है।
बुधवार को फाइलेरिया जांच कब और कितने बजे तक की जाती है, इसकी भी जानकारी नहीं।
विभागीय कर्मचारियों में भी गंभीरता का अभाव है।
📌 फोटोबाजी बनाम जिम्मेदारी
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि डीएमओ केवल फोटो खिंचवाने और उसे वायरल कराने तक ही सक्रिय रहते हैं। जबकि जिले की करीब 30 लाख आबादी को मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारियों से बचाने की असली जिम्मेदारी कहीं पीछे छूट जाती है।
📌 सरकार की सख्ती की जरूरत
योगी सरकार लगातार स्वास्थ्य विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति की बात करती है। ऐसे में यदि मलेरिया-फाइलेरिया विभाग की कार्यप्रणाली पर उच्च स्तर से निगरानी हुई तो कई लापरवाहियां सामने आ सकती हैं।