अमेठी न्यूज़ , संवाददाता मो.तौफ़ीक़ – अमेठी जिले के जगदीशपुर ब्लॉक के किसानों के लिए यह समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। सिंदूरवा माइनर में पिछले तीन वर्षों से पानी नहीं आ रहा, जिससे किसानों को खेतों की सिंचाई में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के कारण सैकड़ों बीघा फसल बिना बुवाई के ही पड़ी रह जाती है। कुछ किसान जैसे-तैसे फसल बुवाई तो कर लेते हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण फसल सूख जाती है या फिर पैदावार में बहुत कमी आ जाती है।
किसानों का कहना है कि यह समस्या हर साल की तरह इस बार भी गंभीर रूप ले चुकी है। उन्होंने बताया कि नहर विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) से लेकर जिला मजिस्ट्रेट (DM) तक कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक सिंदूरवा माइनर तक पानी नहीं पहुँच सका। किसान माइनर में पानी पहुँचाने की तत्काल मांग कर रहे हैं ताकि उनकी मेहनत और फसल बचाई जा सके।
किसानों की समस्याएँ और उनकी आपबीती
सिंदूरवा माइनर में पानी न आने के कारण किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान बताते हैं कि:
- खेतों की बुवाई में देरी हो रही है।
- पानी की कमी से उग रही फसल जल्दी सूख जाती है।
- पैदावार कम होने के कारण आर्थिक नुकसान होता है।
- रोज़गार और मजदूरी पर असर पड़ रहा है, क्योंकि खेतों में पानी की कमी से मजदूर काम पर नहीं जा पा रहे।
किसानों ने कहा कि पिछले तीन सालों से यह समस्या लगातार बनी हुई है। नहर की मरम्मत और जल आपूर्ति के अभाव में सिंचाई प्रभावित हो रही है। कुछ किसान तो खेतों में बुवाई करने के बाद निराशा के कारण फसल को छोड़ देते हैं।
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शिकायतें और प्रशासन की भूमिका
किसानों ने इस समस्या को लेकर कई बार नहर विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि JE से लेकर DM तक शिकायतें पहुंचाई गई हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर समाधान नहीं निकला है।
किसानों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत सिंदूरवा माइनर तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो इस बार की फसल बर्बाद होने की संभावना है।
स्थानीय अधिकारियों का कथन
इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि माइनर की स्थिति और पानी की उपलब्धता की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सिंचाई के लिए प्रावधान और मरम्मत कार्य शुरू किए जाएंगे। लेकिन किसानों का मानना है कि हर साल केवल आश्वासन ही दिया जाता है और जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
कृषकों की मांगें
किसानों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
- सिंदूरवा माइनर तक पानी पहुँचाने की तत्काल व्यवस्था।
- फसल बचाने के लिए अस्थायी पानी की आपूर्ति या टैंकर सुविधा।
- माइनर की मरम्मत और नहर प्रणाली की नियमित निगरानी।
- भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए दीर्घकालिक योजना।
किसानों का कहना है कि यदि पानी समय पर न पहुँचा तो उनकी फसलें सूख जाएंगी और आर्थिक नुकसान असीमित होगा।
सरकारी योजनाओं का लाभ और उनकी उपयोगिता
सिंचाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं हैं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान योजना, राज्य सिंचाई योजनाएं, लेकिन सिंदूरवा माइनर में पानी की कमी ने इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाने में बाधा डाली है। किसानों का मानना है कि यदि पानी की आपूर्ति ठीक तरह से की जाती तो उनकी फसलें बेहतर पैदावार दे सकती थीं।
स्थानीय समाज और मीडिया की भूमिका
स्थानीय समाज और मीडिया ने इस मुद्दे को लगातार उठाया है। कई समाचार पत्रों और चैनलों ने किसानों की समस्याओं को उजागर किया है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि मीडिया और जन प्रतिनिधियों के प्रयास से प्रशासन जल्दी कदम उठाएगा।
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