सिक्किम में 4 अक्टूबर को आई विनाशकारी बाढ़ ने कई लोगों की जिंदगिंयां लील ली। इस बाढ़ में मरने वालों की संख्या 82 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के पांच दिन बाद भी 3,000 से अधिक लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं, हिमालयी राज्य के लाचेन और लाचुंग कस्बों में फंसे हुए हैं। अभी वे लोग स्थानीय लोगों की मदद के भरोसे हैं। उन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। वहां पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
मंगन जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम चुंगथांग तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं जहां से सड़क दो रूट में विभाजित होती है – एक लाचेन की ओर और दूसरी लाचुंग की ओर। लेकिन चुंगथांग से परे ये दोनों शहर अभी भी राहत और बचाव कर्मियों के लिए पहुंच से बाहर हैं। वहां अब भी करीब 3,000 लोग फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा उनकी मदद की जा रही है।”
लाचेन गुरुडोंगमार झील जाने वाले पर्यटकों के लिए आधार है, जो 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक उच्च ऊंचाई वाली झील है, जबकि लाचुंग युमथांग घाटी की ओर जाने वाले पर्यटकों के लिए रुकने का स्थान है। मंगलवार की रात उत्तरी सिक्किम में एक हिमनदी झील के फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ में कम से कम 82 लोगों की मौत हो गई, जबकि कम से कम 140 लोग लापता हैं।