पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में श्रद्धालुओं को सिगरेट पैकेजिंग मटीरियल से बने डिस्पोजेबल पेपर प्लेट में ‘प्रसाद’ देने के आरोप लगे हैं। जिसके बाद अलग-अलग स्थानों से करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं में रोष है। उनका कहना है कि पाकिस्तान में सिखों की धार्मिक भावनाओं का किया जा रहा है।
जिन प्लेटों में श्रद्धालुओं को प्रसाद दिया जा रहा है, उनमें कथित तौर पर एक तरफ करतारपुर तीर्थस्थल की तस्वीरें हैं और दूसरी तरफ सिगरेट ब्रैंड ‘गोल्ड स्ट्रीट’ की तस्वीरें हैं। जानकारी के मुताबिक, कुछ श्रद्धालु जो करतारपुर पहुंचे थे, उनकी ओर से यह मुद्दा उठाया गया था। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी (PSGPC) के अध्यक्ष अमीर सिंह ने कहा कि यह मामला तीन दिन पहले उनके संज्ञान में लाया गया था। हालांकि, उन्होंने यह कहकर इसे टालने की कोशिश की, कि यह कुछ ऐसे बदमाशों की शरारत है, जो कभी नहीं चाहते थे कि करतारपुर कॉरिडोर फिर से खोला जाए।
PSGPC ने दी सफाई
सिंह ने कहा, ‘हमने कभी भी प्रसाद बांटने के लिए ऐसे किसी पैकेजिंग मटीरियल का इस्तेमाल नहीं किया। हमने मामले की जांच की है। उसके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि कुछ असामाजिक तत्व नहीं चाहते थे कि करतारपुर कॉरिडोर शुरू हो, इसलिए उन्होंने यह सरारत की है।’ उन्होंने कहा कि ‘पिन्नी प्रसाद’ को पीएसजीपीसी की ओर से सादे बैगों में पैक करके बांटा जाता है। दूसरी ओर, एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि अगर यह सच है तो चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, ‘हम इस मामले को पीएसजीपीसी और पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ उठाएंगे। हम उनसे इस मामले की जांच करने और दोषियों को पकड़ने के लिए कहेंगे।
‘सिरसा बोले- पाक अधिकारी कर रहे अपमान
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने दावा किया कि एक श्रद्धालु ने इस तरह की प्लेट में प्रसाद पाकर अपने मोबाइल फोन से इसकी तस्वीर खींच ली थी। उन्होंने कहा, ‘इस हरकत ने पाकिस्तान के अधिकारियों के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश किया है। वो अल्पसंख्यकों को दबाने और उनका अपमान करने पर आमादा हैं। यह हैरान करने वाली बात है कि पवित्र सिख धर्मस्थल पर प्रसाद के लिए प्लेट बनाने को सिगरेट के पैकेजिंग मटीरियल का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले एक पाकिस्तानी मॉडल ने करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में आपत्तिजनक फोटोशूट करवाकर इसकी पवित्रता को बदनाम करने की कोशिश की थी।