सिन्दूर खेला के साथ दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन

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दुर्गा पूजा पण्डालों में सिन्दूर खेला के साथ शुक्रवार को दूर्गा पूजा महोत्सव का समापन हो गया। माता को मिठाई का भोल लगाकर पूजन हुआ। महिलाओं ने पान के पत्ते से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श कर उनकी मांग व माथे पर सिंदूर लगाया। माता की मूर्ति के सामने शादीशुदा महिलाओं ने एक दूसरे के साथ सिन्दूर खेलकर सदा सुहागिन रहने की कामना की। दशमी पूजन के बाद पूरे रीति रिवाज के साथ देवी मां की विदायी हुई।

सुबह से ही दुर्गा पण्डालों में माता की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। पूरे विधि विधान के साथ दशमी का पूजन हुआ। ट्रांसगोमती दशहरा एवं दुर्गा पूजा समिति की ओर से अलीगंज में आयोजित दुर्गा पूजा पण्डाल में महिलाओं ने एक दूसरे के माथे और गालों पर सिंदूर लगाकर मां दुर्गा को अगले वर्ष जल्‍दी आने की कामना की। समिति के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि मान्यता है कि मां दुर्गा की मांग भर कर उन्हें मायके से ससुराल विदा किया जाता है।

कहते हैं कि मां दुर्गा पूरे साल में एक बार अपने मायके आती हैं और पांच दिन मायके में रुकने के बाद विजयदशमी पर अपने ससुराल लौट जाती हैं। छावनी पूजा समिति की ओर से सिन्दूर खेला में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं बंगाली क्लब की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा समारेह में भी महिलओं ने सिन्दूर खेला रस्म निभाकर माता को विदा किया। बादशाहनगर पूजा कमेटी, सेवाग्राम कॉलोनी व शास्वत सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की ओर से विकास नगर में दुर्गा पंडाल में भी सिन्दूर खेला का कार्यक्रम हुआ।

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