एक तरफ जहां देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, दूसरी ओर देश के पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की रैलियां आयोजित हो रही हैं। इस बीच ओमिक्रॉन को लेकर भारतीय जनता पार्टी का बयान सामने आया है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि चुनाव आयोग चुनाव रैलियों पर जो हमें दिशानिर्देश देगी उसका हम पालन करेंगे। बीजेपी वर्चुअल चुनावी रैलियों के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान वर्चुअल चुनावी रैलियां की थीं।
क्या बोलें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक शेखावत ने कहा कि चुनाव आयोग हेल्थ सेक्रेटरी और एक्सपर्ट्स के साथ बात कर रहा है। चुनाव कैसे, कब और किन नीतियों के साथ होगा और क्या पांबदियां होंगी ये फैसला करना चुनाव आयोग का काम है। आयोग जो फैसला करेगा वो सभी पार्टियों के लिए सामान्य रूप से लागू होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान जब दुनिया की सभी राजनीतिक पार्टियां हाइबरनेशन में थी उस समय भी BJP के कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे थे।
जमकर हो रही हैं रैलियां
मालूम हो कि प्रदेश में नेताओं की रैलियों का दौर भी शुरू हो चुका है। इन रैलियों में बड़े पैमाने पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। कांग्रेस हो, भाजपा हो या फिर समाजवादी पार्टी, सभी दलों की रैलियों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की बाध्यता जैसी शर्तों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। गिने-चुने लोग ही मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 30 प्रतिशत से भी कम आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। वायरस की दूसरी लहर के दौरान यूपी सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक था। गंगा के रेत के किनारे दफन और नदी में तैरते हजारों शवों की तस्वीरें मीडिया में भी सुर्खियां बटोर चुकी थीं।
पिछले हफ्ते, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को एक या दो महीने के लिए स्थगित करने और दूसरी लहर का हवाला देते हुए चुनाव से संबंधित सभाओं पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था। जज ने कहा, “यूपी ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने बहुत से लोगों को संक्रमित किया है, जिससे कई मौतें भी हुई हैं।” उन्होंने कहा, “अगर रैलियों को नहीं रोका गया, तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे।”
चुनाव कार्यक्रम पर कायम आयोग
हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम पर कायम रह सकता है। कल, सरकार ने उन पांच राज्यों में कोविड की स्थिति की समीक्षा बैठक की, जहां चुनाव होने वाले हैं। बैठक के बाद सरकार ने कहा कि उन राज्यों में जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं, वहां कोरोना वायरस का टीकाकरण बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार ने कहा था कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सख्त प्रवर्तन होना चाहिए और परीक्षण तेजी से होना चाहिए।