Drishyam 2 Review: विजय सलगांवकर की सोच के आगे छोटे पड़े कानून के हाथ, जबरदस्त सस्पेंस और थ्रिल की वापसी

वर्ष 2015 में मोहनलाल अभिनीत मलयालम फिल्‍म दृश्‍यम की हिंदी रीमेक रिलीज हुई थी। निशिकांत कामत निर्देशित दृश्‍यम की कहानी केबिल संचालक विजय सलगांवकर (अजय देवगन) और उसके परिवार के इर्दगिर्द घूमती है।

एक हादसे में विजय की बड़ी बेटी अंजू (इशिता दत्‍ता) के हाथों अनजाने में एक लड़के की हत्‍या हो जाती है। यह लड़का पुलिस कमिश्‍नर मीरा (तब्‍बू) का बेटा होता है। जांच में पुलिस चौथी पास और फिल्‍मों के शौकीन विजय और उसके परिवार को दोषी साबित नहीं कर पाती है।

Drishyam 2 Movie Review: If You're A Fan Of Mohanlal Version, Skip Ajay  Devgn's This Attempt, If You're Not A Fan Of Mohanlal's Version Then Watch  That Again!

पहले भाग में दिखाया गया था कि विजय ने उस लड़के के शव को निर्माणाधीन पुलिस स्‍टेशन में दफ़न कर दिया था। सात साल के अंतराल के बाद आई इसकी सीक्‍वल दृश्‍यम 2 की कहानी यहीं से आगे बढ़ती है। यह फिल्‍म भी मलयालम फिल्‍म दृश्‍यम 2 की रीमेक है।

सात साल बाद पुलिस ने बिछाया जाल

आरंभ में ही दिखा दिया है कि विजय को निर्माणाधीन पुलिस स्‍टेशन से निकलते हुए एक शख्‍स देख लेता है। पुलिस से भाग रहा यह शख्‍स उसके बाद जेल चला जाता है। कहानी सात साल आगे बढ़ती है। इन सात वर्षों में विजय, उसकी पत्‍नी नंदिनी (श्रिया सरन) बड़ी बेटी अंजू और छोटी बेटी अनु (मृणाल जाधव) अतीत से निकल कर नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि, वह डर उन्‍हें सताता रहता है। विजय ने अपना थिएटर खोल लिया है। वह अपनी फिल्‍म बनाने की तैयारी में भी है। इसके लिए वह पटकथा लेखक मुराद अली (सौरभ शुक्‍ला) के संपर्क में है। आज भी उस हत्‍याकांड को लेकर उनका परिवार शक के घेरे में है। मीरा अपने पति (रजत कपूर) के साथ लंदन से वापस आई है।

शहर में नया पुलिस कमिश्‍नर तरूण (अक्षय खन्‍ना) आया है। धीरे-धीरे कई राज खुलते हैं कि वह मीरा का दोस्‍त है। वह मामले को दोबारा खोलता है। उसने विजय को फंसाने के लिए जाल बुना होता है। क्‍या पुलिस के बिछाए जाल में इस बार विजय और उसका परिवार फंस पाएगा? अगर नहीं तो क्‍यों ? यह राज यहां पर बताना उचित नहीं होगा।

दृश्‍यम 2 को देखने के लिए पहले भाग की जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि दूसरे भाग में पहली दृश्यम का काफी जिक्र किया गया है। हालांकि, मलयालम फिल्‍म से रीमेक को अलग करने के लिए निर्देशक अभिषेक पाठक ने कुछ दृश्‍यों को गढ़ने की कोशिश की है, लेकिन ज्‍यादातर चीजें समान ही है।

Khursheed Khan Raju

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