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दिल्ली को पानी नहीं देगा यूपी, नहीं बताई समझौते से पीछे हटने की वजह, क्या थी योजना

सिंचाई के लिए 14 करोड़ गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) शोधित जल प्राप्त करने के बदले में दिल्ली को इतनी ही मात्रा में अशोधित जल उपलब्ध कराने की योजना से उत्तर प्रदेश पीछे हट गया है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर की गई एक अर्जी के जवाब में यह जानकारी मिली है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस सिलसिले में एक अनुरोध भी किया था। योजना में, मुराद नगर जल नियामक के जरिए दिल्ली में सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र को 270 क्यूसेक शोधित जल की आपूर्ति की जानी थी।

Uttar Pradesh and Himachal withdraw from the plan to give extra water to Delhi Haryana also did not show interest - दिल्ली को एक्सट्रा पानी देने की योजना से पीछे हटे यूपी

इसके बदले में इतनी ही मात्रा में जल ओखला सीवेज शोधन संयंत्र से आगरा नहर में छोड़ने का प्रस्ताव था। एक क्यूसेक, 1 घन फुट प्रति सेकंड के बराबर होता है। आरटीआई अर्जी के जवाब में मिले दस्तावेजों से यह पता चला है कि दोनों राज्यों ने तीन मई, 2018 से जल का आदान-प्रदान करने की योजना के सिलसिले में कई बैठकें कीं। दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल एवं तत्कालीन मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने भी यूपी सरकार से समझौते को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया था।

उत्तर प्रदेश जल निगम ने एक जुलाई, 2020 को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को भेजी गई एक व्यवहार्यता रिपोर्ट में कहा था कि परियोजना व्यावहारिक है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए 70 लाख रुपये का भुगतान किया था। दिल्ली सरकार ने पाइपलाइन बिछाने और यूपी से अशोधित जल की आपूर्ति के लिए आवश्यक निर्माण एवं मरम्मत कार्य की लागत वहन करने और आगरा नहर में शोधित जल छोड़ने पर सहमति जताई थी।

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