भारत का महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 3 धीरे-धीरे कर चांद की तरफ बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लोकेशन अब 41603 km x 226 ऑर्बिट में है। यह धरती के चक्कर लगाते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर निकलेगा। वहीं अगले चरण के लिए अगली फायरिंग कल दोपहर 2-3 बजे के बीच किए जाने की योजना है।
चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे लॉन्च किया गया था.
फ़्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लॉन्च की बधाई देते हुए ट्वीट किया. पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक शानदार चैप्टर की शुरुआत की है.”
पीएम मोदी ने कहा, “यह भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूँ.”
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, “चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे. एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को
सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.”
चंद्रयान-3 की ने अपनी लॉन्चिंग के चार चरण सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं.
इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 पृथ्वी की निर्धारित कक्षा में पहुंच गया है जहां से वो चांद की कक्षा की ओर प्रस्थान करेगा.
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, ”चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे.”
सोमनाथ ने कहा, ”एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.”
इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 की गतिविधि पूरी तरह से सामान्य है और वो उसे चांद की सतह पर देखने की प्रतीक्षा में हैं.
लेकिन पिछली अनहोनी के बाद इसके कामयाब होने की कितनी संभावना है? चंद्रयान-3 में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं? किन-किन चीज़ों का ध्यान रखा गया है? इस मिशन का लक्ष्य क्या है? ऐसे कई बुनियादी सवाल, जिनके जवाब जानने के लिए बीबीसी ने बात की डॉ आकाश सिन्हा से.
डॉ आकाश सिन्हा की अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोट्स, ड्रोन्स में विशेषज्ञता है और वह शिव नादर यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं.