इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है। ऐसा प्रदेश चुनाव को लेकर किए गए सर्वे में भी सामने आया है। राजस्थान चुनाव को लेकर एबीपी और सी वोटर्स की ओर से सर्वे किया गया है। इस सर्वे में राजस्थान के रीजन वाली लोगों से राय ली गई। मालूम हो कि राजस्थान में कुल पांच रीजन हड़ौती, शेखावटी, मेवाड़, ढूंढाड़ और मारवाड़ हैं। ओपिनियन पोल में रीजन वाइज किसके खाते में कितना वोट जाएगा, इस पर एक सर्वे किया गया है।
हड़ौती रीजन में बीजेपी का समीकरण
राजस्थान के हड़ौती रीजन की बात करें तो इस रीजन का प्रतिनिधित्व वसुंधरा राजे सिंधिया करती हैं। सर्वे के मुताबिक, कुल 17 सीटों में से 9-13 सीट बीजेपी के खाते में जाएगी यानी बीजेपी यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। जबकि, कांग्रेस दूसरे नंबर पर रहेगी। सर्वे में कांग्रेस को 4-8 सीट मिलने का दावा किया गया है। इसके अलावा इस रीजन में अन्य के खाते में 0-1 सीट जा सकती है। वहीं, अगर वोट की बात करें तो यहां बीजेपी को 53 फीसदी, कांग्रेस को 44 फीसदी और अन्य के खाते में 3 फीसदी वोट जाते नजर आ रहे हैं।
शेखावटी से बीजेपी-कांग्रेस की पकड़
दूसरी ओर है शेखावटी में सीट की कुल संख्या 21 है। इस रीजन से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और हाल ही बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा आते हैं। इस रीजन पर सर्वे के अनुसार, कांग्रेस यहां बहुमत में रहेगी। कांग्रेस के खाते में 9-3 सीटें नजर आती दिख रही हैं जबकि बीजेपी के 8-12 उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य के खाते में 0-1 सीट जाएगी।
बीजेपी के लिए अहम है मेवाड़ रीजन
राजस्थान के मेवाड़ रीजन भी बीजेपी के लिए अहम रहा है। इस रीजन से पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया आते हैं। इसके अलावा बीजेपी के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी इस रीजन से आते हैं। यहां कुल 43 सीटें हैं। सर्वे के मुताबिक, यहां बीजेपी को 26 से 30 सीटें मिलती नजर आ रही है। वहीं, कांग्रेस को 12-16 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
सचिन पायलट के इलाके में क्या है कांग्रेस का हाल
ढूंढाड़ रीजन में कुल 58 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट इसी इलाके से आते हैं। इसके अलावा बीजेपी के सतीश पूनिया भी इसी रीजन से आते हैं। सर्वे के मुताबिक, यहां की 58 सीटों में से 31-35 सीटें बीजेपी को मिलेंगी। जबकि कांग्रेस को 23 से 27 सीटें मिलेंगी जबकि अन्य के खाते में 0-2 सीटें जाएंगी।