Moradabad news शासन के संज्ञान में आने के बाद दोबारा शिक्षक भर्ती की नियुक्ति के लिए केवल डीएड विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें भी कुछ ने दोबारा भी आवेदन कर दिया था। शिकायत होने पर जांच हुई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। तत्कालीन बीएसए योगेंद्र कुमार ने शासन को रिपोर्ट दी थी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और शासन तक मामला पहुंचा।
बेसिक शिक्षा विभाग के आठ साल पुराने फर्जीवाड़े के मामले में 12 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इन्होंने 1914-15 में बीटीसी का परिणाम आने से दो दिन पहले आवेदन किया था। जिसमें खुद को बीटीसी प्रशिक्षु बताकर उसके अंक भी भरे थे। विभिन्न स्तर की जांच के बाद फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर शासन स्तर से बर्खास्तगी का आदेश दिया था।