भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है। मंदी के दौर का सामना करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आखिरकार अच्छी खबर आ ही गयी है। दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई है। इसका मतलब ये हुआ की भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के द्वारा ये आंकड़े जारी किए गए। अप्रैल से जनवरी के दौरान राजकोषीय घाटा 12.34 लाख करोड़ रुपये का रहा है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के मुताबिक अक्टूबर से दिसंबर की तीसरी तिमाही की कुल जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपये की रही। साल 2019-20 की तीसरी तिमाही में यह 36.08 लाख करोड़ रुपये की थी। संशोधित अनुमान के मुताबिक इस साल कुल जीडीपी 134.09 लाख करोड़ रुपये का ही रह सकती है। साल 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी की बढ़त हुई थी।
ICICI सिक्यूरिटीज द्वारा 1722 कंपनियों के तिमाही रिजल्ट के डेटा के आधार पर किए गए एक विश्लेषण से भी यह बात सामने आई थी कि इकोनॉमी में तेज सुधार हो रहा है।
कई एजेंसियों और संस्थाओं ने यह उम्मीद जताई थी कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव जोन में जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक की दिसंबर में जारी ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ बुलेटिन में कहा गया था कि ऐसे पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था गहरी खाई से अब रोशनी की तरफ बढ़ रही है।