आठ चरणों में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए इस महीने के आखिरी से वोट डाले जाएंगे। पूरे चुनाव में जिन वीआईपी उम्मीदवारों पर नजरें रहेंगी, उनमें से एक उम्मीदवार खुद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हैं, जिनके सामने शुभेंदु अधिकारी होंगे। कभी ममता के खास रहे शुभेंदु अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, तो वहीं ममता ने पुरानी सीट को छोड़ते हुए नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसी सीट से खुद शुभेंदु अधिकारी भी मैदान में होंगे। ममता बनर्जी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने आखिर क्यों नंदीग्राम सीट से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया।
नंदीग्राम सीट से उतरने के पीछे ममता ने बताई यह वजह
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि इस चुनाव को लेकर उन्होंने पहले ही मन बना लिया था कि या तो वह सिंगूर से मैदान में उतरेंगी या फिर नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। ममता ने नंदीग्राम क्षेत्र के बूथ स्तर के टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने लोगों की मांग की वजह से नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह राजनीति नंदीग्राम में काम नहीं करने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन नहीं हुआ होता, तो नंदीग्राम का आंदोलन जोर नहीं पकड़ता।
नंदीग्राम में ममता वर्सेज शुभेंदु अधिकारी का आमना-सामना
पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी की ओर से शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम सीट से उतारा गया है। इस क्षेत्र में अधिकारी का दबदबा माना जाता है। अधिकारी के सामने खुद ममता बनर्जी चुनावी मैदान में हैं। पिछले दिनों टिकट मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि वे ममता बनर्जी को 50 हजार से ज्यादा वोटों से पटखनी देंगे। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी को चुनाव में हराकर वापस उन्हें कोलकाता भेज देंगे। अधिकारी ने कहा, ”मेरे लिए नंदीग्राम से चुनावी मैदान में उतरना कोई चुनौती नहीं है। मैं पार्टी का अभारी हूं कि मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैं यहां बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करूंगा।” ममता बनर्जी इस सीट से कल नामांकन पत्र दाखिल करेंगी, जबकि शुभेंदु अधिकारी 12 मार्च को नॉमिनेशन फाइल करेंगे।