
सुल्तानपुर। जिले के मेडिकल कॉलेज के द्वितीय तल पर स्थित बर्न वार्ड की हालत गंभीर रूप से दयनीय है। इस वार्ड में अव्यवस्थाओं का ऐसा माहौल है कि मरीजों और उनके परिजनों की जान खतरे में पड़ गई है। वार्ड में चल रहे वातानुकूलित उपकरण (एसी) से लगातार पानी टपक रहा है, जिससे फर्श गीला हो गया है। टपकते पानी को रोकने के लिए कूड़े की बाल्टी नीचे लगाई गई है, जो साफ़ तौर पर व्यवस्थाओं की लापरवाही को दर्शाता है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस एसी के तापमान का पता नहीं चल पा रहा है और करंट लगने का खतरा बना हुआ है, क्योंकि मास्टर प्लग भी सही ढंग से बोर्ड में लगा नहीं है। इस वजह से कोई भी कर्मचारी या मरीज इसे छूने से डरता है।
बर्न वार्ड के मुख्य दरवाजे की हालत भी खराब है। दरवाजे के कब्जे से अधिकांश कीलें गायब हैं, जिससे दरवाजा कभी भी गिर सकता है। दरवाजे की रगड़ से तेज़ आवाज़ होती है, जो आराम कर रहे मरीजों की नींद खराब कर देती है।
सबसे अधिक परेशानी इस वार्ड में भर्ती छोटे बच्चों को हो रही है। वार्ड के ठीक संचालन के लिए लाखों रुपये मरम्मत और निर्माण के नाम पर खर्च किए गए हैं, लेकिन पुराने ठेकेदारों से कोई जवाब नहीं लिया गया और बिना उचित निगरानी नए टेंडर जारी कर दिए गए।
इस पूरे मामले की वीडियो भी सामने आई है, जिसमें साफ़ दिखाई दे रहा है कि जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी अपनी ड्यूटी लापरवाही से निभा रहे हैं। यह स्थिति न केवल अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि मरीजों की जान को भी जोखिम में डाल रही है।
अस्पताल प्रशासन से तत्काल इस गंभीर मामले की जांच कर उचित सुधारात्मक कार्रवाई करने की उम्मीद जताई जा रही है ताकि बर्न वार्ड में भर्ती मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
मुख्य बिंदुएं
-
द्वितीय तल पर स्थित बर्न वार्ड में वातानुकूलित (एसी) उपकरण से लगातार पानी टपक रहा है। इस पानी को फर्श पर फैलने से रोकने के लिए कूड़े की बाल्टी लगाई गई है, जो लापरवाही को दर्शाता है।
-
करंट लगने का खतरा
एसी के बोर्ड में मास्टर प्लग सही तरीके से नहीं लगा है, जिससे करंट लगने का डर बना हुआ है। इसके कारण कोई भी कर्मचारी या मरीज उपकरण को छूने से डर रहा है। -
बर्न वार्ड का गेट खतरनाक स्थिति में
वार्ड के मुख्य दरवाजे के कब्जे से अधिकांश कीलें गायब हैं, जिससे दरवाजा कभी भी गिर सकता है। दरवाजे की रगड़ से तेज आवाज होती है, जो मरीजों की नींद उड़ा देती है। -
मरीजों, खासकर बच्चों को हो रही दिक्कत
इस अव्यवस्था से सबसे ज्यादा परेशानी बर्न वार्ड में भर्ती बच्चों को हो रही है, जो अपनी बीमारी के साथ इन समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। -
मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च, फिर भी समस्या जस की तस
वार्ड की मरम्मत और निर्माण के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन पुराने ठेकेदारों से सवाल-जवाब न करते हुए नया टेंडर जारी कर दिया गया है, जिससे सुधार नहीं हो पा रहा। -
जिम्मेदारों की लापरवाही
सामने आई वीडियो में साफ दिख रहा है कि जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी अपनी ड्यूटी लापरवाही से निभा रहे हैं, जिससे अस्पताल की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रहा है