अमेठी, 14 अगस्त 2025 —
अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के पलिया गांव में अज्ञात जंगली जानवर के हमले से नीललगाय घायल हो गई। ग्रामीणों ने तेदुआ (तेंदुआ) के हमले की आशंका जताई है। घटना के बाद क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और पड़ताल कर रही है। टीम ने आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
बताया जा रहा है कि कल भैदपुर गांव में भी ग्रामीणों ने तेंदुआ देखने की बात कही थी। इसके बाद वन विभाग की टीम लगातार निगरानी में जुटी हुई है। बीते सप्ताह के दौरान चार से अधिक लोग जंगली जानवरों के हमले से घायल हो चुके हैं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में भय और दहशत व्याप्त है।
अमेठी: ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
पलिया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय लोग भय के कारण जागकर बिताने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि नीललगाय के घायल होने और तेंदुए की संभावित मौजूदगी से क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
वन विभाग और पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएँ और बच्चों तथा बूढ़ों की विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, वन विभाग ने स्थानीय लोगों को यह निर्देश दिया है कि किसी भी संदिग्ध जानवर की सूचना तुरंत पुलिस या वन विभाग को दें।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास के क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाए हैं ताकि जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। घायल नीललगाय को सुरक्षित स्थान पर भर्ती कर उसका इलाज शुरू कर दिया गया है।
वन अधिकारी ने बताया कि इलाके में दो तेंदुए होने की आशंका है। एक तेंदुआ पहले ही पकड़ा या मारा जा चुका है, लेकिन ग्रामीणों की नई रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में अभी भी दूसरा तेंदुआ मौजूद हो सकता है।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने गांव के चारों ओर पैट्रोलिंग बढ़ा दी है। ग्रामीणों से अनुरोध किया गया है कि वे घरों के आसपास शोर मचाकर और लाइट जलाकर सुरक्षित रहें।
पूर्व घटनाएं और क्षेत्र में सुरक्षा चिंता
पिछले सप्ताह में अमेठी के आसपास के गांवों में तेंदुए के हमले की कई घटनाएं हुई हैं। चार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है। वन विभाग ने इस दिशा में लगातार निगरानी बढ़ाई है और स्थानीय प्रशासन भी तात्कालिक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित कर रहा है।
जिला प्रशासन ने गांववासियों से अपील की है कि वे अकेले जंगल या खेतों में न जाएँ। साथ ही, रात में घरों के आसपास अतिरिक्त सावधानी बरतें और बच्चों को अकेला न छोड़ें।