सुल्तानपुर। तहसील के ग्राम पंचायत नंदौली के प्रगतिशील किसान जमील अहमद को एक ऐसा सम्मान मिला जिसने न केवल गाँव बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया। शुक्रवार को उन्हें लखनऊ स्थित राजभवन में विशेष आमंत्रण पर बुलाया गया, जहाँ उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और कृषि से जुड़ी उपलब्धियों का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।
सुल्तानपुर किसान जमील अहमद को शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राजभवन में राज्यपाल द्वारा विशेष सम्मान से नवाज़ा गया। बल्दीराय तहसील के ग्राम पंचायत नंदौली निवासी प्रगतिशील किसान जमील अहमद अपने साथ अपनी पुत्री के साथ राजभवन पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने अपनी बागवानी से तोड़े गए 2.500 किलो वज़नी आम को राज्यपाल को उपहार स्वरूप भेंट किया।
सुल्तानपुर किसान जमील अहमद को खास तोहफा: राज्यपाल को भेंट किया 2.500 किलो वज़नी आम
राजभवन पहुंचकर किसान जमील अहमद ने अपनी बागवानी में उपजाए गए 2.5 किलो वज़नी आम को राज्यपाल को उपहार स्वरूप भेंट किया। यह सिर्फ एक आम नहीं था, बल्कि किसान की मेहनत, लगन और समर्पण का प्रतीक था। राज्यपाल ने इस उपहार को स्वीकार करते हुए किसान की सराहना की और कहा कि किसान ही असली भारत की रीढ़ हैं।
राज्यपाल से मिला सम्मान
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुल्तानपुर किसान जमील अहमद अपनी पुत्री के साथ पहुंचे। उन्होंने अपनी बागवानी से तोड़े गए 2.500 किलो वज़नी आम को राज्यपाल को उपहार स्वरूप भेंट किया। राज्यपाल ने इस अनोखी भेंट को बड़ी आत्मीयता से स्वीकार किया और किसान के प्रयासों की सराहना की।
बेटी को दिया आशीर्वाद
राज्यपाल ने किसान की पुत्री, जो मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही है, को आशीर्वाद देते हुए कठिन समय में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर किसान जमील अहमद जैसे पिता अपनी मेहनत और ईमानदारी से नई पीढ़ी के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
राजभवन में मिला विशेष अवसर
इस कार्यक्रम में किसान जमील अहमद को उस टेबल पर भोजन करने का सम्मान दिया गया जिसे राजभवन का ‘हॉट सीट’ कहा जाता है। आमतौर पर इस टेबल पर तीन विशेष सचिवों के लिए सीट निर्धारित होती है, लेकिन इस दिन एक विशेष प्लेट पर सुल्तानपुर किसान जमील अहमद का नाम अंकित कर लगाया गया।
किसान की प्रतिक्रिया
सम्मान पाकर भावुक हुए सुल्तानपुर किसान जमील अहमद ने कहा –
“महामहिम का यह सम्मान मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। राज्यपाल मातृत्व भाव और मृदुभाषिता से ओत-प्रोत व्यक्तित्व हैं, जो किसानों को विशेष महत्व देती हैं। यह न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे सुल्तानपुर के लिए गौरव की बात है।”
‘हॉट सीट’ पर विशेष सम्मान
राजभवन में हुए विशेष आयोजन के दौरान किसान जमील अहमद को वह सम्मान मिला जो अब तक केवल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मिलता रहा है। उन्हें ‘हॉट सीट’ टेबल पर दोपहर का भोजन करने का अवसर मिला। जिस टेबल पर तीन विशेष सचिवों के नाम की प्लेट लगी थी, उसी पर जमील अहमद के नाम की प्लेट भी लगाई गई। इस विशेष सम्मान ने यह संदेश दिया कि किसानों का महत्व किसी भी बड़े अधिकारी से कम नहीं है।
किसान जमील अहमद की प्रतिक्रिया
अपने इस अनुभव को साझा करते हुए किसान जमील अहमद ने कहा:
“महामहिम राज्यपाल का यह सम्मान मेरे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने मातृत्व भाव से किसानों को महत्व दिया, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।”
जमील अहमद ने राज्यपाल को मृदुभाषी और संवेदनशील व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि वे किसानों की समस्याओं को गहराई से समझती हैं और उन्हें समाधान दिलाने के लिए तत्पर रहती हैं।
एक प्रगतिशील किसान की पहचान
बल्दीराय तहसील के जमील अहमद का नाम जिले के प्रगतिशील किसानों में गिना जाता है। उनकी मेहनत और आधुनिक कृषि पद्धतियों ने उन्हें पहचान दिलाई है। विशेष रूप से बागवानी और विशाल आकार के आमों की पैदावार में उनकी महारत उन्हें खास बनाती है। स्थानीय किसान उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते हैं और उनके खेतों में आकर नई तकनीकों को सीखते हैं।
सम्मान का महत्व
राज्यपाल द्वारा दिया गया यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे किसान समाज का सम्मान है। यह संदेश देता है कि किसानों का परिश्रम ही देश की आत्मा है और उनकी मेहनत का सम्मान करना हर स्तर पर जरूरी है।
सुल्तानपुर के लिए गौरव
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सुल्तानपुर का नाम इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश में रोशन हुआ। गाँव-गाँव और कस्बों में लोग इस खबर से उत्साहित हुए और जमील अहमद को बधाई दी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस सम्मान को सुल्तानपुर की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बताया।ह्यमारे यूट्यूब चैनल पर जाने के किये यहाँ क्लिक करे। ….
किसानों के लिए प्रेरणा
किसान जमील अहमद की उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि अगर लगन और मेहनत हो तो किसान भी राष्ट्रीय और राजकीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। उनका यह अनुभव आने वाली पीढ़ियों के किसानों के लिए प्रेरणा बनेगा।
बल्दीराय तहसील के ग्राम पंचायत नंदौली के किसान जमील अहमद को राजभवन में मिला सम्मान सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि किसानों की मेहनत और उनके महत्व को मान्यता देने का प्रतीक है। उनका यह सम्मान सुल्तानपुर जिले के लिए एक गौरवशाली पल है और इससे न केवल क्षेत्र के किसानों का मनोबल बढ़ा है बल्कि युवाओं को भी यह संदेश मिला है कि मेहनत और समर्पण से हर मंज़िल हासिल की जा सकती है।
राज्यपाल से मिला सम्मान
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुल्तानपुर किसान जमील अहमद अपनी पुत्री के साथ पहुंचे। उन्होंने अपनी बागवानी से तोड़े गए 2.500 किलो वज़नी आम को राज्यपाल को उपहार स्वरूप भेंट किया। राज्यपाल ने इस अनोखी भेंट को बड़ी आत्मीयता से स्वीकार किया और किसान के प्रयासों की सराहना की।
बेटी को दिया आशीर्वाद
राज्यपाल ने किसान की पुत्री, जो मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही है, को आशीर्वाद देते हुए कठिन समय में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर किसान जमील अहमद जैसे पिता अपनी मेहनत और ईमानदारी से नई पीढ़ी के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
राजभवन में मिला विशेष अवसर
इस कार्यक्रम में किसान जमील अहमद को उस टेबल पर भोजन करने का सम्मान दिया गया जिसे राजभवन का ‘हॉट सीट’ कहा जाता है। आमतौर पर इस टेबल पर तीन विशेष सचिवों के लिए सीट निर्धारित होती है, लेकिन इस दिन एक विशेष प्लेट पर सुल्तानपुर किसान जमील अहमद का नाम अंकित कर लगाया गया।
किसान की प्रतिक्रिया
सम्मान पाकर भावुक हुए सुल्तानपुर किसान जमील अहमद ने कहा –
“महामहिम का यह सम्मान मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। राज्यपाल मातृत्व भाव और मृदुभाषिता से ओत-प्रोत व्यक्तित्व हैं, जो किसानों को विशेष महत्व देती हैं। यह न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे सुल्तानपुर के लिए गौरव की बात है।”
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