संवाददाता, धर्मेंद्र द्विवेदी
उत्तर प्रदेश के Basti जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। रूधौली नगर पंचायत के बालेश्वरी नगर वार्ड में तैनात होमगार्ड जवान दिलीप कुमार का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उनके मकान के अंदर फांसी के फंदे से लटकता मिला। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही और लंबे समय से एक ही स्थान पर लगातार ड्यूटी लगाने की वजह से जवान ने यह खौफनाक कदम उठाया। घटना के बाद पूरे Basti जिले में होमगार्ड विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना का पूरा विवरण
मृतक जवान दिलीप कुमार रोज की तरह ड्यूटी पूरी करने के बाद घर लौटे। लेकिन उसी रात उन्होंने अपने मकान के भीतर फांसी लगाकर जान दे दी।
- शव मकान के अंदर पंखे से लटकता मिला।
- परिवारवालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
- रूधौली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
यह घटना जब आसपास के लोगों तक पहुँची तो पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।
परिजनों का आरोप
मृतक दिलीप कुमार के परिजनों का आरोप है कि विभाग ने उनके साथ अन्याय किया।
- परिजनों का कहना है कि जवान पिछले ढाई साल से लगातार एक ही स्थान पर ड्यूटी कर रहा था।
- बार-बार ट्रांसफर या ड्यूटी में बदलाव की मांग करने के बावजूद विभाग ने उनकी बात नहीं सुनी।
- ड्यूटी में अत्यधिक दबाव और अनदेखी के कारण दिलीप कुमार मानसिक तनाव से जूझ रहे थे।
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ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
Basti जिले के ग्रामीणों का कहना है कि दिलीप कुमार को यातायात विभाग की ट्रेनिंग और ड्यूटी में लगातार लगाया जा रहा था।
- ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने उनकी मानसिक स्थिति को बिल्कुल नजरअंदाज किया।
- होमगार्ड को आराम या अलग तरह की ड्यूटी देने के बजाय बार-बार थकाऊ और तनावपूर्ण काम में लगाया गया।
- इस वजह से वे परेशान होकर चरम कदम उठाने को मजबूर हो गए।
पुलिस की कार्यवाही
सूचना मिलते ही रूधौली पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्यवाही की।
- शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
- पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
- परिवार वालों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
- पूरे मामले में विभागीय अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी जा सकती है।
होमगार्ड विभाग पर उठे सवाल
इस घटना के बाद Basti जिले में होमगार्ड विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
- क्या विभाग जवानों की समस्याओं और मानसिक तनाव पर ध्यान देता है?
- क्यों बार-बार एक ही स्थान पर जवान को लगातार लगाया जाता है?
- क्या जवानों की तैनाती और ड्यूटी में पारदर्शिता है?
ऐसे सवाल अब न केवल स्थानीय लोगों बल्कि प्रदेश स्तर पर भी उठने लगे हैं।
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होमगार्ड जवानों की समस्याएँ
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है बल्कि पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है।
- जवानों को अक्सर समय पर वेतन और भत्ते नहीं मिलते।
- लगातार एक ही तरह की ड्यूटी से शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ता है।
- कई बार जवान अपनी समस्याएँ अधिकारियों तक पहुँचाने के बावजूद अनसुनी कर दिए जाते हैं।
Basti जिले में भी कई बार ऐसी शिकायतें सामने आई हैं।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
घटना के बाद स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित दिखे।
- उनका कहना है कि होमगार्ड जवान भी इंसान हैं, उन्हें मानसिक शांति और सम्मानजनक ड्यूटी मिलनी चाहिए।
- प्रशासन केवल आदेश देकर पल्ला नहीं झाड़ सकता।
- ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर समय रहते अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो यह घटना टाली जा सकती थी।
राजनीतिक और सामाजिक असर
Basti जिले की इस घटना का असर राजनीति पर भी दिख सकता है।
- विपक्षी दल इस मामले को उठाकर सरकार और विभाग को घेर सकते हैं।
- आम जनता की नज़र अब प्रशासन और शासन की कार्रवाई पर है।
- यह मुद्दा होमगार्ड जवानों की स्थिति सुधारने की मांग को और तेज कर सकता है।
प्रशासन की अगली कार्यवाही
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
- प्रशासन यह जांच करेगा कि क्या वास्तव में विभागीय लापरवाही इसकी वजह है।
- अगर परिजनों और ग्रामीणों के आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
- साथ ही, अन्य होमगार्ड जवानों की ड्यूटी व्यवस्था की भी समीक्षा की जाएगी।
Basti जिले की यह घटना बेहद दुखद और चिंताजनक है। एक जवान जिसने अपनी पूरी जिंदगी देश और समाज की सेवा में लगाई, उसे विभागीय लापरवाही और मानसिक तनाव की वजह से अपनी जान देनी पड़ी।
यह समय है कि प्रशासन और सरकार गंभीरता से कदम उठाएँ और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
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