News Time Nation Rampur | संवाददाता, शाहबाज़ खां |
Rampur में इन दिनों अवैध डग्गामार वाहनों की बढ़ती गतिविधियों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले में अवैध ठेकेदारी, अवैध उगाही और नियमों की खुली अवहेलना हो रही है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र में खासतौर पर ऑटो रिक्शा और प्राइवेट वाहनों द्वारा यात्रियों को बगैर अनुमति सवार कराना, हाईवे और मुख्य सड़कों पर तेज रफ्तार दौड़ाना, और रोडवेज स्टैंड के बाहर अवैध अड्डेबाज़ी आम हो गई है।
🚐 Rampur में अवैध डग्गामार वाहनों का जाल
Rampur में अवैध डग्गामार वाहनों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इन वाहनों का संचालन स्थानीय ठेकेदारों और मुंशी के संरक्षण में हो रहा है। रोडवेज बस स्टैंड और प्रमुख चौराहों पर बिना परमिट, फिटनेस और वैध लाइसेंस के वाहन यात्रियों को बिठाकर खुलेआम दौड़ाए जा रहे हैं।
🔎 प्रमुख अवैध गतिविधियाँ:
- बिना पंजीकरण के ऑटो रिक्शा और टेम्पो का संचालन
- यात्रियों से मनमानी किराया वसूली
- पुलिस की मौजूदगी में खुलेआम अवैध स्टैंड
- नाबालिग चालकों द्वारा वाहन संचालन
- रात के समय तेज गति से ओवरलोडिंग
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🛑 मुख्यमंत्री आदेशों की उड़ रही धज्जियाँ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बार-बार अवैध डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन Rampur प्रशासन और पुलिस विभाग की निष्क्रियता इस बात का प्रमाण है कि उन आदेशों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।
🧾 आदेशों की प्रमुख बातें:
- सभी जिलों में अवैध वाहनों पर सख्ती
- रोडवेज के बाहर निजी स्टैंड की मनाही
- अवैध उगाही करने वालों पर एफआईआर
- आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
लेकिन Rampur में न तो आरटीओ विभाग गंभीर है, न ही स्थानीय पुलिस। ठेकेदार और उनके गुर्गे बेफिक्र होकर सड़कों पर अपनी सत्ता चला रहे हैं।
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📍 सिविल लाइन थाना क्षेत्र बना हॉटस्पॉट
रामपुर शहर का सिविल लाइन थाना क्षेत्र अवैध गतिविधियों का हॉटस्पॉट बन गया है। यहां रोडवेज स्टैंड के ठीक बाहर दर्जनों डग्गामार वाहन लाइन से खड़े मिलते हैं। वहीं, पुलिस चौकी कुछ ही कदमों की दूरी पर है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
🚧 देखा गया दृश्य:
- ऑटो चालक सवारियां बैठा रहे थे
- पुलिसकर्मी नजदीक खड़े होकर अनदेखी कर रहे थे
- यात्रियों से ज़बरदस्ती गंतव्य पूछकर खींचतान
- कुछ वाहन ओवरलोड होकर हाईवे पर तेज गति से दौड़ते
💬 स्थानीय लोगों और यात्रियों की राय
👩 निशा वर्मा (यात्री):
“मैं हर रोज़ रोडवेज आती हूं। ऑटो वाले जबरदस्ती बैठाते हैं। ना किराया तय है, ना कोई सुरक्षा। पुलिस वाले भी देखते हैं पर कुछ नहीं बोलते।”
👨🔧 राजू (स्थानीय दुकानदार):
“ये सब ठेकेदारी में चलता है साहब। मुंशी और पुलिस में सेटिंग है। हर ऑटो वाला पैसे देता है और आराम से खड़ा होता है।”
⚖️ पुलिस की नाकामी या मिलीभगत?
Rampur में पुलिस और ट्रैफिक विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में है। जनता की शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
❓ उठते सवाल:
- क्या पुलिस को नहीं दिखते अवैध वाहन?
- क्या ठेकेदार और मुंशी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?
- पुलिस चौकी के पास कैसे संचालित हो रहे अवैध स्टैंड?
- आरटीओ विभाग कहाँ है?
इन सवालों का जवाब प्रशासन को देना होगा।
📸 ग्राउंड रिपोर्ट: जो कैमरे में कैद हुआ
रामपुर रोडवेज के बाहर सुबह से लेकर देर शाम तक:
- दर्जनों ऑटो सवारियां भरते दिखे
- यात्री सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
- कुछ वाहनों में नंबर प्लेट तक नहीं थी
- महिलाएं और स्कूली बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित
🔧 प्रशासन की चुप्पी: जनता हो रही परेशान
Rampur की जनता अब परेशान हो चुकी है। रोडवेज क्षेत्र में यात्रा करना जोखिम भरा हो चुका है। यात्रियों को सुरक्षा, उचित किराया और व्यवस्थित परिवहन का कोई भरोसा नहीं।
यदि प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
📊 Rampur में डग्गामार वाहनों की अनुमानित स्थिति (अगस्त 2025)
क्षेत्र | अनुमानित वाहन संख्या | पुलिस कार्रवाई |
---|---|---|
सिविल लाइन थाना क्षेत्र | 100+ | नहीं |
रोडवेज स्टैंड | 50+ | नहीं |
अलीगंज क्षेत्र | 60+ | सीमित |
शाहबाद मार्ग | 80+ | नहीं |
मिलक – टांडा मार्ग | 70+ | नहीं |
📢 जनहित में सुझाव
Rampur में परिवहन और कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु निम्नलिखित कदम जरूरी हैं:
- ✅ अवैध वाहनों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाए
- ✅ हर चौराहे पर CCTV कैमरा लगाया जाए
- ✅ पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग कराई जाए
- ✅ आरटीओ द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट की जांच
- ✅ जनता को हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाए
🛡️ निष्कर्ष: Rampur में अवैध डग्गामार नेटवर्क तोड़ना जरूरी
Rampur में जो कुछ हो रहा है, वह सिर्फ कानून की अनदेखी नहीं बल्कि जनता की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है। शासन के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना, ठेकेदारों की मनमानी और पुलिस की चुप्पी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
अब वक्त है कि Rampur प्रशासन इस मुद्दे को प्राथमिकता में ले, और ऐसे डग्गामार नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई करे। तभी जिले में परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।