संवाददाता , योगेश यादव Sultanpur |
Sultanpur (U.P.) – उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तब मच गई जब Sultanpur जिले से जुड़ा एक मामला सुर्खियों में आया। जयसिंहपुर विधानसभा से निषाद पार्टी के विधायक राज प्रसाद उपाध्याय “राज बाबू” पर भाजपा ब्लाक प्रमुख की बहू और सिद्धार्थ इंफ्रा हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर शशि सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
शशि सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि विधायक और उनके साथियों ने उनसे 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और जब वह तैयार नहीं हुईं तो उनकी कंस्ट्रक्शन साइट से डेढ़ लाख रुपये नगद और मोबाइल छीन लिया।
यह मामला न केवल Sultanpur जिले में बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्म बहस का मुद्दा बन चुका है।
रंगदारी और लूट का आरोप
शशि सिंह ने आरोप लगाया कि विधायक राज प्रसाद उपाध्याय “राज बाबू” साइट पर अचानक पहुंच गए और काम शुरू होने से पहले ही गुणवत्ता चेक करने का बहाना बनाया। इस दौरान उन्होंने और उनके समर्थकों ने डेढ़ लाख रुपये कैश और मोबाइल फोन छीन लिया।
उन्होंने कहा कि विधायक और उनके साथियों ने 25 लाख रुपये की रंगदारी देने का दबाव भी बनाया। जब उन्होंने इनकार किया तो परिवार को धमकियां मिलने लगीं।
मुख्यमंत्री योगी से सुरक्षा की गुहार
17 अगस्त 2025 को शशि सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र देकर अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की। पत्र में उन्होंने स्पष्ट लिखा कि वह भाजपा ब्लॉक प्रमुख की फूलमन सिंसग की बहू हैं और भाजपा सरकार को बदनाम करने की कोई वजह नहीं है। ऐसे में निषाद पार्टी विधायक पर लगाए गए आरोप झूठे नहीं हो सकते।
पत्र की प्रति सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर सामने आने के बाद मामला और गंभीर हो गया।
न्यूज़ चैनल पर प्रसारण के बाद समर्थकों का विरोध
18 अगस्त को न्यूज़ टाइम नेशन ने यह खबर प्रसारित की। इसके बाद विधायक के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर चैनल को फर्जी खबर फैलाने वाला बताया और सबूत मांगे।
समर्थकों की डिमांड के बाद चैनल ने शशि सिंह का बयान और मुख्यमंत्री को दिए गए प्रार्थना पत्र की कॉपी भी सार्वजनिक की। इससे मामला और खुलकर सामने आ गया।
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जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल Sultanpur पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाई होगी।
सोचने वाले सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
- बिना काम शुरू हुए ही विधायक साइट पर गुणवत्ता चेक करने क्यों पहुंचे?
- भाजपा ब्लॉक प्रमुख की बहू, जो खुद भाजपा की समर्थक हैं, वह भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए निषाद पार्टी विधायक पर आरोप क्यों लगाएंगी?
- क्या यह मामला केवल राजनीतिक दबाव बनाने का है या सच में रंगदारी और लूट हुई है?
अखिलेश यादव का X (प्रतिक्रिया)
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा। उन्होंने X (Twitter) पर पोस्ट किया:
“भाजपाई अब आपस में ही एक-दूसरे की पोल खोल रहे हैं। अगर वसूली का हिस्सा ऊपर तक नहीं जाता है तो निषाद पार्टी विधायक राज प्रसाद उपाध्याय ‘राज बाबू’ की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।”
सुल्तानपुर की राजनीति में हलचल
Sultanpur जिले में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आम जनता भी इस मुद्दे पर बंटी नजर आ रही है। एक पक्ष मानता है कि विधायक पर लगे आरोप सही हैं और पुलिस को तुरंत गिरफ्तारी करनी चाहिए, वहीं दूसरा पक्ष कहता है कि यह सब राजनीतिक साजिश है।
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भाजपा की छवि पर सवाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कानून-व्यवस्था सुधारने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते रहे हैं। लेकिन सहयोगी दल के विधायक पर इस तरह के आरोप लगना सरकार की छवि पर धब्बा है।
अगर आरोप सही साबित होते हैं तो यह भाजपा सरकार और निषाद पार्टी के रिश्तों पर भी असर डाल सकता है।
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें सुल्तानपुर पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
क्या भाजपा सरकार अपने सहयोगी विधायक पर कड़ी कार्यवाई करेगी?
या मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
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