| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |
Amethi। धार्मिक आस्था, परंपरा और श्रद्धा का अद्भुत संगम एक बार फिर अमेठी जनपद में देखने को मिला, जब तिलोई व सिंहपुर क्षेत्र से एक हजार से अधिक कांवरियों का एक विशाल जत्था झारखंड स्थित बाबा बैजनाथ धाम देवघर के लिए रवाना हुआ। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कांवरियों को शुभकामनाएं देते हुए हरि झंडी दिखाकर यात्रा के लिए रवाना किया।
सिंहपुर के ऐतिहासिक माँ अहोरवा देवी मंदिर से हुई कांवर यात्रा की शुरुआत
अमेठी जनपद के सिंहपुर ब्लॉक क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक माँ अहोरवा देवी मंदिर, जो आदि शक्ति पीठ के रूप में विख्यात है, वहाँ दर्शन के उपरांत कांवर यात्रा का शुभारंभ किया गया। श्रद्धालु यहाँ पहले माँ अहोरवा देवी का आशीर्वाद लेते हैं, फिर वहां से जल लेने और बाबा बैजनाथ को चढ़ाने की कामना के साथ देवघर की यात्रा पर निकलते हैं।
इस साल यह यात्रा लगातार 21वें वर्ष संपन्न हो रही है, जो इस परंपरा की मजबूती और लोगों की आस्था को दर्शाता है।
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क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक और धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। तिलोई विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कांवरियों को संबोधित करते हुए कहा:
“यह यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। लगातार 21 वर्षों से यह परंपरा कायम है, और इसमें जनसहयोग भी लगातार बढ़ रहा है।”
उनके साथ प्रमुख प्रतिनिधि मुन्ना सिंह, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, व क्षेत्रीय धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
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धार्मिक उत्साह और प्रशासनिक सहयोग
Amethi प्रशासन ने कांवरियों की यात्रा को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। चिकित्सा, परिवहन, जल व्यवस्था व सुरक्षा की व्यापक योजना बनाई गई थी।
विशेष रूप से तिलोई, सिंहपुर, शुकुल बाजार और मुसाफिरखाना क्षेत्र के स्थानीय थानों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि कांवरियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
कांवरियों को रवाना करने के पूर्व भजन-कीर्तन, आरती, और भव्य पूजा अर्चना का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालु पूरी भक्ति भावना से शामिल हुए।
कांवर यात्रा: आस्था, समर्पण और परंपरा का मिलन
बाबा बैजनाथ धाम देवघर की यात्रा उत्तर भारत की सबसे प्रमुख कांवर यात्राओं में से एक मानी जाती है। सावन के पावन महीने में कांवरिये गंगाजल लेकर पैदल या वाहनों के माध्यम से लंबी दूरी तय करते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
Amethi के श्रद्धालु भी हर साल इस यात्रा में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। इस बार भी 21वें वर्ष का आयोजन पूर्व वर्षों से भी अधिक भव्यता और भक्ति से परिपूर्ण रहा।
सांस्कृतिक रंग में रंगी अमेठी
अमेठी एक राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला होने के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध है। यहां के लोगों में धार्मिक आस्था गहरी है और समय-समय पर विभिन्न धार्मिक आयोजन इस जिले की पहचान बन चुके हैं।
कांवर यात्रा की भव्यता और इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी, यह दर्शाती है कि Amethi न केवल राजनीतिक गहमा-गहमी का केंद्र है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अग्रणी है।
कांवरियों के लिए विशेष वाहन और सुविधा
इस बार अमेठी से रवाना हुए कांवरियों के जत्थे के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था, खाद्य सामग्री, पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट, और सेवकों की एक टीम तैनात की गई है जो पूरे मार्ग में कांवरियों की सहायता करेगी।
यात्रा के संयोजक दल ने जानकारी दी कि सभी कांवरियों के लिए बीमा भी करवाया गया है, और पूरे जत्थे के साथ एक चिकित्सकीय दल भी मौजूद रहेगा।
आम जनता और युवाओं में जबरदस्त उत्साह
अमेठी के युवाओं में इस यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। क्षेत्र के कई युवाओं ने पहली बार बाबा बैजनाथ धाम की यात्रा के लिए भागीदारी की। कुछ कांवरियों ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए आध्यात्मिक शांति और मानसिक शुद्धि का माध्यम बन गई है।
स्थानीय जनता ने कांवरियों का जोरदार स्वागत किया, जगह-जगह जलपान और विश्राम की व्यवस्था की गई। ग्रामीणों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से कांवरियों का उत्साहवर्धन किया।
अमेठी का धार्मिक भविष्य उज्ज्वल
Amethi अब केवल एक राजनीतिक चर्चा का केंद्र नहीं, बल्कि एक धार्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बनता जा रहा है। लगातार 21 वर्षों से आयोजित यह कांवर यात्रा आने वाली पीढ़ियों को एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान कर रही है।
प्रशासन, स्थानीय नेतृत्व, और जनता के सामूहिक प्रयासों से यह यात्रा हर साल सफल हो रही है। भविष्य में यह यात्रा और भी भव्य रूप ले सकती है यदि इसमें शासन और समाज का सहयोग यूँ ही बना रहे।
निष्कर्ष
Amethi जनपद की भूमि एक बार फिर धार्मिकता, भक्ति और समर्पण की जीवंत मिसाल बन गई है। कांवरियों का जत्था, जो कि हजारों की संख्या में बाबा बैजनाथ धाम के लिए रवाना हुआ, वह न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह अमेठी के संस्कृतिक और सामाजिक एकता का परिचायक भी है।
मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख प्रतिनिधि मुन्ना सिंह, और समस्त प्रशासनिक व्यवस्था ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि कांवरियों को कोई कठिनाई न हो, और यह यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो।