औरैया के SDM राकेश कुमार की निलंबन की खबर: लिफाफा लेता वीडियो वायरल, राज्य सरकार ने की सख्त कार्यवाई

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औरैया, 21 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शासन‐प्रशासन की छवि को धूमिल करने वाली एक घटना ने जनसाधारण और प्रशासनिक सक्रियता दोनों को झकझोर दिया है। पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में औरैया सदर तहसील के SDM राकेश कुमार को कथित रूप से रिश्वत लेते हुए देखा गया है। इस वीडियो में एक व्यक्ति उनके डेस्क की दराज में लिफाफा रखते और फिर SDM उसे अपनी जेब में डालते हुए नजर आते हैं। इस घटना के प्रकाश में शासन ने तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्यवाई की है।


घटना का विस्तृत विवरण

वीडियो में जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, उसके अनुसार मंडी सचिव हरविलास यादव SDM राकेश कुमार की मेज पर स्थित रैक में एक सफ़ेद लिफाफा रखते हैं। कुछ ही समय बाद अधिकारी उस लिफाफे को लेकर उसे अपनी पैंट की जेब में डाल लेते हैं। यह पूरी घटना कार्यालय में लगे CCTV कैमरे में कैद होती है और एक कर्मचारी या स्टाफ सदस्य द्वारा इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। यह घटना प्रशासन और जनता दोनों के बीच गहरे विरोधाभास को जन्म देती है।


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प्रशासन का रिएक्शन

इस प्रकार की भ्र्ष्टाचार का वीडियो सामने आते ही जिलाधिकारी, डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, ने तत्काल एडीएम अविनाश चंद्र मौर्या को जांच अधिकारी नियुक्त किया और SDM को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उन्हें लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद से संबद्ध करते हुए वहां तैनात कर दिया गया। इस दौरान रायसी की अवधि की जांच जारी रहेगी।

राज्य सरकार ने “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत इस प्रकार के किसी भी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किए जाने की स्पष्ट नीति अपनाई हुई है। इसी आधार पर यह त्वरित और सख्त कार्यवाई उठाया गया।


नियुक्ति में बदलाव

राकेश कुमार के हटाए जाने के बाद अजय आनंद वर्मा को औरैया सदर तहसील का नया SDM नियुक्त किया गया है। शासन की कार्यवाई का उद्देश्य केवल सजात्मक नहीं बल्कि एक स्पष्ट संदेश देने का था: प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही होना ज़रूरी है।


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जांच की दिशा और आगे की कार्यवाई

  • जांच अधिकारी: एडीएम अविनाश चंद्र मौर्या को मामले की जांच सौंपी गई।
  • जांच की रूपरेखा: वीडियो की वास्तविकता, उसमें दिख रही गतिविधियों की पुष्टि, लिफाफे में वस्तु की तहकीकात और इसे वायरल करने वाले व्यक्ति की पहचान पर विश्लेषण किया जा रहा है।
  • आगे की कार्यवाई: जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन निर्णय लेगा—सशर्त निलंबन, कानूनी मुकदमा, या अन्य प्रशासनिक कार्यवाई जैसे कि पैसों की राशि फ्रीज कराना, आरोपों में सत्यता प्रमाणित होने पर बर्खास्तगी, आदि।

मामला: स्थानीय प्रतिक्रिया और प्रशासनिक संदेश

यह पूरी घटना और इसके बाद की कार्यवाई ने औरैया सहित पूरे प्रदेश में तहसील स्तर से लेकर जिला स्तर तक भ्रष्टाचार के प्रति वर्ग, जनता और अधिकारी वर्ग में बहस छेड़ दी है।

  • नागरिकों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस प्रकार की कार्यवाई भविष्य में भ्रष्टाचार को रोकने में प्रभावी होगी?
  • वहीं, सरकार की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” का रुख जनता द्वारा सराहा गया है क्योंकि स्पष्ट और प्रभावी कार्यवाई से लोगों का भरोसा बहाल होने का संकेत मिलता है।
  • प्रशासनिक दृष्टिकोण से जांच की निष्पक्षता और तेजी, भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भयावह मिसाल बन सकती है।

निष्कर्ष

औरैया जिले में SDM राकेश कुमार का लिफाफा लेते हुए वीडियो वायरल होना न केवल एक स्थानीय प्रशासनिक घटना है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का प्रतीक भी बन गया है। तत्काल प्रभाव से की गई कार्यवाई—निलंबन, राजस्व परिषद से संबद्ध करना, और जांच संचालित करना—एक स्पष्ट सामाजिक संदेश है कि भ्रष्टता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

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