| संवाददाता, शाहबाज़ खां |
Rampur, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला, एक बार फिर पुलिस की सक्रियता और तकनीकी दक्षता के लिए सुर्खियों में है। रामपुर पुलिस की सर्विलांस सेल ने शुक्रवार को आम जन के गुम हुए 50 मोबाइल फोन बरामद कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इन मोबाइल फोनों की कुल अनुमानित कीमत ₹6,65,000 आंकी गई है। इस उपलब्धि की जानकारी रामपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) विद्या सागर मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी।
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📢 प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा: गुम हुए मोबाइलों की वापसी
रामपुर पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में SP विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि सर्विलांस सेल द्वारा आम नागरिकों के खोए हुए मोबाइल फोनों को ट्रैक कर बरामद किया गया है। यह कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक के पर्यवेक्षण और CO सिटी जीतेंद्र कुमार की निगरानी में हुई।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि यह ऑपरेशन पुलिस के लिए केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि जनता के साथ विश्वास के रिश्ते को मजबूत करने वाला कदम है।
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📡 मोबाइल ट्रैकिंग कैसे हुई?
सर्विलांस सेल ने मोबाइल गुमशुदगी से संबंधित नागरिकों द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर मोबाइल फोन के IMEI नंबर को ट्रैक किया। आधुनिक तकनीक, टेलीकॉम सहयोग और नेटवर्क विश्लेषण की मदद से उन मोबाइल फोनों की लोकेशन की जानकारी जुटाई गई।
इस प्रयास में कई राज्यों और जनपदों में फैले मोबाइल फोन को खोजा गया और पुलिस टीम ने संबंधित स्थानों पर जाकर मोबाइल की सत्यापन के बाद बरामदगी की।
🧍♂️ खुश हुए मोबाइल मालिक
जब पुलिस कार्यालय में बरामद मोबाइल फोन उन लोगों को लौटाए गए जिनका फोन गुम हो गया था, तब माहौल भावनात्मक हो गया। कई मोबाइल धारकों ने कहा:
“हमें उम्मीद नहीं थी कि हमारा मोबाइल वापस मिलेगा, लेकिन Rampur पुलिस ने जो कर दिखाया वो काबिले तारीफ है।”
👮♂️ सफल टीम की सूची
इस सफलता के पीछे रामपुर पुलिस की विशेष टीम रही, जिनके अथक प्रयास के बिना यह मुमकिन नहीं होता:
- उपनिरीक्षक टीकाराम चौहान – प्रभारी, सर्विलांस सैल, Rampur
- मुख्य आरक्षी विनय कुमार सिंह (1138)
- मुख्य आरक्षी अनिल कुमार सैनी (1139)
- मुख्य आरक्षी दीपक चाहल (653)
- मुख्य आरक्षी दीपक कुमार (670)
- आरक्षी जय कुमार (644)
इन सभी पुलिसकर्मियों को एसपी द्वारा सार्वजनिक रूप से सराहना दी गई।
📱 बरामद मोबाइलों का विवरण
क्रम संख्या | मोबाइल ब्रांड | स्थिति | अनुमानित मूल्य |
---|---|---|---|
1–50 | Samsung, Vivo, Oppo, Redmi, Apple आदि | खोए/चोरी हुए | ₹6.65 लाख कुल अनुमानित |
🚨 Rampur पुलिस की पुरानी सफलता का इतिहास
Rampur पुलिस पहले भी सर्विलांस सेल के जरिए कई मोबाइल फोन, चोरी के वाहन, और अन्य गुमशुदा वस्तुओं की बरामदगी कर चुकी है। इससे आम जनता का पुलिस पर विश्वास भी बढ़ा है।
- 2023 में: 35 मोबाइल फोन बरामद हुए
- 2024 की पहली तिमाही में: 42 मोबाइल फोन वापस मिले
- अब 2025 के अगस्त में: 50 मोबाइल की बरामदगी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया
🌐 Rampur पुलिस की तकनीकी दक्षता
Rampur पुलिस की सर्विलांस सेल ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इस सफलता को संभव बनाया:
- IMEI ट्रैकिंग सिस्टम
- GPS लोकेशन ट्रेसिंग
- टेलीकॉम नेटवर्क इंटेलिजेंस
- डिजिटल डाटा बैंक का विश्लेषण
ये सभी तकनीकें स्थानीय पुलिस को अधिक प्रभावी और तेज़ बनाती हैं।
📌 Rampur जिले के नागरिकों के लिए सलाह
SP विद्या सागर मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागरिकों को मोबाइल फोन की सुरक्षा के लिए ये सुझाव दिए:
- IMEI नंबर जरूर नोट करें और सुरक्षित रखें।
- मोबाइल खोने पर तुरंत FIR दर्ज कराएं।
- मोबाइल फोन पर Screen Lock जरूर रखें।
- Find My Phone और अन्य ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग करें।
🏆 Rampur को क्यों माना जाए उदाहरण?
Rampur पुलिस ने जो किया है, वह न केवल तकनीकी सफलता है, बल्कि एक मॉडल है जिसे उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, जैसे Bareilly, Moradabad, और Amethi में भी लागू किया जा सकता है।
Rampur में पुलिस और जनता के बीच जिस तरह का सहयोग और विश्वास देखने को मिल रहा है, वह अन्य जनपदों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हो सकता है।
📊 Rampur बनाम अन्य जिले: मोबाइल बरामदगी तुलना
जिला | बरामद मोबाइल (2025) | अनुमानित मूल्य |
---|---|---|
Rampur | 50 | ₹6,65,000 |
Bareilly | 30 | ₹4,20,000 |
Moradabad | 25 | ₹3,70,000 |
Amethi | 18 | ₹2,50,000 (लगभग) |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि Rampur सबसे आगे है।
🔚 निष्कर्ष: Rampur पुलिस की सफलता, जनता की राहत
Rampur जिले की पुलिस ने जिस समर्पण और तकनीकी सूझबूझ के साथ आम नागरिकों की परेशानी को दूर किया है, वह प्रशंसा के योग्य है। 50 खोए हुए मोबाइल फोन की वापसी केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि 50 परिवारों की मुस्कान और भरोसे की जीत है।
Rampur आज न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए यह साबित कर चुका है कि अगर पुलिस चाहे तो वह सिर्फ अपराधियों को पकड़ने वाली नहीं, बल्कि भरोसे की रीढ़ भी बन सकती है।