संवाददाता , योगेश यादव
Sultanpur में खाद की कालाबाजारी पर प्रशासन की बड़ी कार्यवाई
Sultanpur जिले में खाद की किल्लत और कालाबाजारी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए प्रशासन ने अब सख़्ती का रुख अपनाया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश पर रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने औचक निरीक्षण कर पूरे वितरण सिस्टम की गहन जांच की।
पयागीपुर चौराहे पर स्थित पीसीएफ गोदाम पर पहुंचे एडीएम (एफआर) एस. सुधाकरण और जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने स्टॉक रजिस्टर, सप्लाई चैन और गोदाम से सहकारी समितियों तक खाद की आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया को बारीकी से परखा।
🏢 गोदाम पर निरीक्षण की मुख्य बातें
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि:
- खाद की उपलब्धता और आपूर्ति का रिकॉर्ड पारदर्शी है या नहीं।
- गोदाम में मौजूद स्टॉक की स्टॉक रजिस्टर से मिलान किया गया।
- रेक से उतरने वाली खाद सही मात्रा में सही स्थानों पर पहुंच रही है या नहीं।
- सहकारी समितियों को खाद की आपूर्ति नियमित और न्यायसंगत ढंग से हो रही है या नहीं।
एडीएम सुधाकरण ने कहा:
“हमारी प्राथमिकता है कि खाद समय पर और उचित मूल्य पर किसानों तक पहुंचे। किसी भी प्रकार की हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
🚨 सख्त चेतावनी: कालाबाजारी पर होगी FIR
निरीक्षण के बाद जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई दुकानदार या सहकारी समिति का सचिव खाद की कालाबाजारी में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाएगी।
🔒 अधिकारी का बयान:
“कोई भी कालाबाजारी करने वाला व्यक्ति अगर पकड़ा गया, तो उस पर ऐसी कार्यवाई की जाएगी जो नज़ीर बनेगी। हमें किसानों का हित सबसे पहले देखना है।”
इस सख्ती का उद्देश्य है कि जिले में यूरिया और अन्य खादों की जमाखोरी, ओवररेटिंग और अवैध पुनर्वितरण पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाए।
🌾 खाद की किल्लत: किसानों की समस्याएं
Sultanpur के किसान पिछले कुछ सप्ताहों से खाद की अनुपलब्धता और कुछ स्थानों पर ओवररेटिंग (MRP से अधिक मूल्य) की शिकायतें कर रहे थे। कई जगहों से यह भी खबरें आईं कि खाद खुलेआम काले बाजार में बेची जा रही है, जबकि सरकारी गोदामों में “स्टॉक खत्म” का बोर्ड लगा दिया गया।
🧑🌾 किसानों की प्रतिक्रियाएं:
किसान का नाम | गांव | प्रतिक्रिया |
---|---|---|
रामसूरत यादव | करौंदीकलां | “गोदाम पर जाते हैं तो कहते हैं माल नहीं है, लेकिन बाजार में महंगे दामों पर मिल रहा है।” |
जगरूप निषाद | चाँदपुर | “एक बोरी खाद के लिए सुबह से लाइन में लगे रहते हैं। क्या यही सिस्टम है?” |
📋 खाद वितरण की पारदर्शिता पर ज़ोर
निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने निर्देश दिए कि:
- सभी सहकारी समितियों को खाद का वितरण पूरी पारदर्शिता से करें।
- किसानों को रसीद देना अनिवार्य होगा।
- स्टॉक की नियमित जांच की जाएगी।
- दैनिक आधार पर खाद की रिपोर्टिंग संबंधित अधिकारियों को करनी होगी।
📲 तकनीकी समाधान:
अब प्रशासन एक डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी काम कर रहा है, जिसमें:
- GPS ट्रैकिंग से खाद की ढुलाई की निगरानी
- SMS अलर्ट से किसानों को खाद उपलब्धता की सूचना
- ऑनलाइन शिकायत प्रणाली
🤝 प्रशासन और किसानों के बीच संवाद
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने स्थानीय किसानों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। कई किसानों ने बताया कि स्थानीय दुकानदार खुलेआम खाद को एमआरपी से अधिक दामों पर बेचते हैं।
जवाब में अधिकारियों ने कहा कि अब निगरानी टीम गठित की जा रही है, जो रोजाना दुकानों और समितियों का औचक निरीक्षण करेगी। इसमें:
- कृषि विभाग के अधिकारी
- जिला प्रशासन के प्रतिनिधि
- स्थानीय पुलिस अधिकारी शामिल होंगे
📊 Sultanpur: खाद आपूर्ति की स्थिति एक नजर में
विवरण | आंकड़े (अगस्त 2025) |
---|---|
कुल सहकारी समितियां | 148 |
सक्रिय वितरण केंद्र | 132 |
यूरिया की मांग (बोरी में) | 2.5 लाख |
उपलब्ध स्टॉक | 2.1 लाख |
कालाबाजारी की शिकायतें | 27 |
🧾 पहले भी सामने आ चुकी हैं गड़बड़ियाँ
यह कोई पहली बार नहीं है जब Sultanpur में खाद की कालाबाजारी की खबरें सामने आई हैं। हर वर्ष रबी और खरीफ सीजन के दौरान खाद की भारी मांग होती है, और इसी दौरान कुछ सहकारी समिति सचिव, निजी दुकानदार और ट्रांसपोर्टर मिलकर कालाबाजारी करते हैं।
🔍 पूर्व घटनाएं:
- 2023 में भी खाद की कालाबाजारी पर 12 दुकानों पर कार्यवाई
- 2024 में गोदाम से निकले ट्रैक्टर गायब पाए गए थे
- 2025 की शुरुआत में 3 दुकानदारों पर लाइसेंस निलंबन की कार्यवाई
👥 जनता और किसान संगठनों की मांग
किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने मांग की है कि:
- जिला स्तर पर जन प्रतिनिधियों की निगरानी कमेटी बनाई जाए
- खाद आपूर्ति में लगे कर्मचारियों का स्थानांतरण हर सीजन के बाद किया जाए
- फर्जी किसानों के नाम पर खाद वितरण की CBI या SIT जांच कराई जाए
🔚 निष्कर्ष: Sultanpur में अब कालाबाजारी पर जीरो टॉलरेंस नीति
Sultanpur जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब खाद की किल्लत और कालाबाजारी पर “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत काम किया जाएगा। जिलाधिकारी कुमार हर्ष और उनकी टीम की सक्रियता से संकेत मिलता है कि:
- कालाबाजारी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी
- दोषियों को सज़ा मिलेगी
- किसानों को समय पर खाद मिलेगी, वो भी उचित मूल्य पर
“किसान खुशहाल, तो देश खुशहाल।”
Sultanpur प्रशासन इस संकल्प के साथ कार्यरत है।