
| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |
अमेठी जनपद में आज कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली जब जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेश कुमार के नेतृत्व में खाद विक्रेताओं की दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया। यह अभियान जिले के विभिन्न इलाकों में संचालित दो साधन सहकारी समितियों और छह निजी खाद विक्रेताओं की दुकानों तक सीमित रहा। निरीक्षण में भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिसके चलते तीन खाद विक्रेताओं के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए।
इस कार्रवाई ने जिले के कृषि क्षेत्र में खलबली मचा दी है और साथ ही उन किसानों को राहत दी है, जो लंबे समय से खाद की कालाबाज़ारी और टैगिंग जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे।
🧾 निरीक्षण में कौन-कौन सी दुकानें शामिल रहीं?
News Time Nation Amethi को प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन दुकानों का निरीक्षण किया गया, उनमें निम्नलिखित शामिल थीं:
- साधन सहकारी समिति, गुलालपुर
- साधन सहकारी समिति, जगदीशपुर
- शंकर बीज भंडार, महोना
- हाजी खाद भंडार, महोना
- किसान खाद भंडार, महोना
- विशाल ट्रेडर्स, महोना
- अली खाद भंडार, महोना
- सोहेल खाद भंडार, महोना
इन दुकानों पर खाद वितरण, भंडारण और मूल्य निर्धारण से संबंधित प्रक्रियाओं की गहन जांच की गई।
🔍 तीन विक्रेताओं के लाइसेंस क्यों हुए निलंबित?
1. शंकर बीज भंडार, महोना:
- 15 बोरी यूरिया गोदाम में भंडारित पाई गई, लेकिन उसे किसानों को वितरित नहीं किया जा रहा था।
- किसानों की शिकायत के अनुसार, यहां पर यूरिया की बिक्री जिंक जैसे उत्पादों के साथ अनिवार्य टैगिंग के रूप में की जा रही थी, और वह भी निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर।
- तत्काल कार्यवाई करते हुए दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
2. हाजी खाद भंडार, महोना:
- जांच में पाया गया कि यूरिया की बिक्री निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर की जा रही थी।
- जिंक की टैगिंग के साथ खाद बेचने की पुष्टि हुई।
- इस दुकान का भी लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
3. किसान सुविधा केंद्र, अहोरवा भवानी सिंहपुर:
- एसडीएम तिलोई को किसानों द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी कि केंद्र पर यूरिया की अनिवार्य टैगिंग के साथ बिक्री की जा रही है।
- सहायक विकास अधिकारी कृषि की जांच में यह आरोप सही पाया गया।
- दुकान का लाइसेंस निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
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✅ जिन दुकानों पर स्थिति सामान्य पाई गई
✳️ अली खाद भंडार, महोना:
- निरीक्षण के समय 15 किसान खाद खरीदते मिले।
- किसानों ने पुष्टि की कि उन्हें यूरिया निर्धारित दर पर मिल रहा है।
- दुकान की कार्यप्रणाली संतोषजनक पाई गई, कोई कार्यवाई नहीं की गई।
✳️ विशाल ट्रेडर्स व सोहेल खाद भंडार:
- दस्तावेज़ों और स्टॉक में कोई गंभीर गड़बड़ी नहीं पाई गई।
- ग्राहकों से बातचीत में भी कोई शिकायत नहीं आई।
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📢 जिला कृषि अधिकारी की अपील और चेतावनी
डॉ. राजेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी, ने निरीक्षण के बाद News Time Nation Amethi से बात करते हुए बताया:
“जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे किसी भी प्रकार की कालाबाज़ारी या जबरन टैगिंग की शिकायत तत्काल संबंधित अधिकारियों को करें। खाद की कालाबाज़ारी या किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने किसानों को सलाह दी कि:
- प्रति बीघा 25 किलोग्राम से अधिक यूरिया का प्रयोग न करें।
- अधिक यूरिया खेत की उर्वरता को बिगाड़ सकता है और यह कृषि के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
🚛 जिले को मिलेगा यूरिया का नया स्टॉक
डॉ. कुमार ने यह भी जानकारी दी कि अगले दिन जिले को इफको (IFFCO) से 3168 मीट्रिक टन यूरिया की रैक प्राप्त होने वाली है। इससे जिले में यूरिया की आपूर्ति और बेहतर हो जाएगी।
👨🌾 News Time Nation Amethi की ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की मिलीजुली प्रतिक्रिया
News Time Nation Amethi ने निरीक्षण के बाद किसानों से बातचीत की। महोना के किसान रामसनेही यादव ने कहा:
“अब जाकर हमें कुछ राहत मिल रही है। अब तक कई दुकानों पर हमें यूरिया के साथ-साथ ज़बरदस्ती अन्य उर्वरक भी खरीदने पड़ते थे।”
जगदीशपुर के किसान रहीम अंसारी ने कहा:
“सरकार को ऐसी छापेमारी और तेज करनी चाहिए, तभी भ्रष्ट दुकानदार डरेंगे।”
🏢 विक्रेताओं की सफाई और जवाब
जिन दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए, उनके कुछ प्रतिनिधियों ने News Time Nation Amethi से बात की और कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। वे उच्च अधिकारियों से पुनः जांच की मांग करेंगे।
हालांकि, कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि सबूतों और किसानों की शिकायतों के आधार पर ही कार्यवाई की गई है और सभी प्रक्रियाएं नियमानुसार की गई हैं।
🧩 खाद वितरण प्रणाली की चुनौतियां
उत्तर प्रदेश में खाद वितरण से संबंधित समस्याएं हर रबी और खरीफ सीजन में सामने आती हैं। इसमें प्रमुख समस्याएं होती हैं:
- किसानों को यूरिया की अनुपलब्धता दिखाकर अन्य उर्वरक बेचने का दबाव
- निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बिक्री
- जबरन टैगिंग
- फर्जी स्टॉक रजिस्टर
- और भंडारण में पारदर्शिता की कमी
इस प्रकार की निरीक्षण कार्यवाई से कुछ हद तक सुधार जरूर होता है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए डिजिटल निगरानी और सख्त सजा व्यवस्था की आवश्यकता है।
📝 निष्कर्ष: कार्यवाई सही दिशा में एक कदम
News Time Nation Amethi का मानना है कि जिला प्रशासन की यह कार्रवाई किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे एक ओर जहां अनियमित विक्रेताओं को चेतावनी मिली है, वहीं दूसरी ओर ईमानदारी से कार्य करने वाले विक्रेताओं को प्रेरणा मिली है।
इस प्रकार की छापेमारी यदि नियमित रूप से की जाए, तो खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और ईमानदारी आ सकती है।