
| संवाददाता . राजेश चौहान |
बहराइच, 30 अगस्त 2025: आज दिनांक 30 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी महोदय बहराइच, श्री अक्षय त्रिपाठी एवं पुलिस अधीक्षक महोदय बहराइच ने जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण बहराइच जिले के कारागार की सुरक्षा, बंदियों की सुविधाओं और कारागार के संचालन में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस दौरान अधिकारियों ने जेल की व्यवस्था, साफ-सफाई, बंदियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का गहन निरीक्षण किया।
जेल के विभिन्न हिस्सों का दौरा
इस आकस्मिक निरीक्षण में जिलाधिकारी श्री अक्षय त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक महोदय ने सम्पूर्ण कारागार परिसर का दौरा किया। उन्होंने पुरुष बैरक, महिला बैरक, बंदी पाकशाला (जेल रसोई), क्रीड़ास्थल, और अस्पताल वार्ड का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का भी मुआयना किया और अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने की दिशा में निर्देश दिए।
1. पुरुष बैरक:जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का बहराइच जिला कारागार निरीक्षण
पुरुष बैरक में रहने वाले बंदियों की संख्या और उनकी दैनिक गतिविधियों का अवलोकन करते हुए अधिकारियों ने पाया कि सफाई और व्यावस्थाओं की स्थिति संतोषजनक थी। हालांकि, जिलाधिकारी महोदय ने बैरक में अधिकतम स्वच्छता बनाए रखने और ताजगी बनाए रखने के लिए और सख्त उपायों का सुझाव दिया। साथ ही, वहां के कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो और बंदियों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
2. महिला बैरक:
महिला बैरक का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने महिला बंदियों की सुविधाओं और सुरक्षा की स्थिति का अवलोकन किया। महिला बैरक में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई, खासकर महिला बंदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर। उन्होंने जेल कर्मचारियों को महिला बंदियों के लिए अलग से ध्यान देने की आवश्यकता का निर्देश दिया।
3. बंदी पाकशाला:
जेल की रसोई का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और पोषण के स्तर का भी मूल्यांकन किया। अधिकारियों ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि भोजन में पोषण का स्तर बढ़ाया जाए और नियमित रूप से खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाए।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे।
4. क्रीड़ास्थल:
बंदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए क्रीड़ास्थल का भी निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बंदियों को अपने दैनिक कार्यों के अलावा शारीरिक गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए। यह उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर करने और नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा।
5. अस्पताल वार्ड:
कारागार के अस्पताल वार्ड का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों ने बंदियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने और इलाज की सुविधाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया। साथ ही, अस्पताल वार्ड में आवश्यक दवाओं और चिकित्सीय उपकरणों की उपलब्धता की भी जांच की गई। जिलाधिकारी महोदय ने अस्पताल के कर्मचारियों को निर्देश दिया कि किसी भी बंदी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने पर त्वरित उपचार प्रदान किया जाए और इलाज की गुणवत्ता में कोई भी कमी न हो।
हमारे यूट्यूब चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सुधारात्मक निर्देश
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश निम्नलिखित हैं:
- नियमित निरीक्षण: जेल अधीक्षक को आदेश दिया गया कि वे नियमित रूप से कारागार का निरीक्षण करें, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति का तत्काल पता चल सके और उसे दूर किया जा सके।
- शातिर बंदियों पर विशेष निगरानी: शातिर अपराधियों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वे जेल में कोई अप्रिय घटना न कर सकें और अन्य बंदियों को भी प्रभावित न कर सकें।
- सुरक्षा उपायों में सुधार: जेल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों को निरंतर सक्रिय रखने की बात की गई, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा की चूक न हो। इसके अलावा, जेल मैनुअल के अनुसार सभी नियमों और व्यवस्थाओं का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- स्वच्छता और सफाई: जेल के भीतर स्वच्छता बनाए रखने के लिए अधिक सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी बैरकों और कारागार के अन्य हिस्सों में गंदगी न हो और जो भी समस्याएं हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाए।
जेल प्रशासन की भूमिका
जेल प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वे जिला कारागार के संचालन को सुचारू रूप से चलाएं और साथ ही बंदियों को उनके अधिकारों के तहत उचित सुविधाएं प्रदान करें। इस निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि जेल प्रशासन ने काफी हद तक बंदियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की हैं, लेकिन कुछ पहलुओं में सुधार की आवश्यकता भी है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्देशों का पालन किया जाए और जेल का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित रहे।
आगामी कदम और सुधार
इस आकस्मिक निरीक्षण के परिणामस्वरूप, जिलाधिकारी महोदय और पुलिस अधीक्षक महोदय ने कई सुधारात्मक कदम उठाने का निर्णय लिया। इन कदमों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इंस्टालेशन, शातिर बंदियों पर निगरानी, स्वच्छता में सुधार, और बंदियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना शामिल है।
इसके अलावा, जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया कि बंदियों को उचित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जाएं। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी कार्य करने की जरूरत है, क्योंकि यह न केवल बंदियों के लिए बल्कि पूरे जेल परिसर के लिए भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
यह आकस्मिक निरीक्षण बहराइच जिले के जिला कारागार के संचालन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी व्यवस्थाएं सही तरीके से काम करें और बंदियों को बुनियादी अधिकार मिलें, यह निरीक्षण समय समय पर होना चाहिए। प्रशासन के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने से न केवल जेल की व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि बंदियों को बेहतर जीवन की दिशा में भी प्रेरित किया जा सकेगा।