| संवाददाता, आशिफ़ शाह |
अमेठी जिले में जनसुनवाई का एक और सत्र संपन्न हुआ, जहां जिलाधिकारी संजय चौहान ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में आम लोगों द्वारा उठाई गई विभिन्न समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण समाधान के निर्देश दिए।
व्यापक पटल पर चली जनसुनवाई: क्या-क्या हुआ?
शाला‑वार शिकायतों का आंकड़ा
- दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इस सत्र में जिलाधिकारी ने कुल 13 शिकायतें सुनीं ।
- इनमें से 7 शिकायतें राजस्व विभाग, 2 पुलिस, 1 आवास, 1 पूर्ति, और 2 चकबंदी विभाग से संबंधित थीं।
पहले होता रहा समाधान दिवस
- पहले ‘संपूर्ण समाधान दिवस’ के अंतर्गत भी तहसीलों में जनसुनवाई आयोजित की गई थी, जहाँ 42, 27, 40, 28 जैसी बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हुईं, और कुछ का मौके पर ही समाधान किया गया ।
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डीएम की प्रतिक्रिया और दिए गए निर्देश
- जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की समस्या को शासन की मंशा के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर समय पर निपटाया जाए ।
- उन्होंने अधिकारियों को समस्या का पारदर्शी, गुणवत्ता-युक्त और तत्काल समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ।
- विशेष रूप से राजस्व विभाग की शिकायतों के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीमें मौके पर जांच करें, यह आदेश भी दिए गए ।
- डीएम ने स्पष्ट चेतावनी थी: “समस्याओं के निस्तारण में किसी भी तरह की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी” ।
जनकल्याणकारी योजनाओं का महत्वपूर्ण पहलू
जिलाधिकारी ने यह भी ज़ोर देकर कहा कि:
“सभी पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ मिले; कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे।”
इससे यह स्पष्ट होता है कि जनसुनवाई मात्र शिकायत सुनने का अवसर नहीं, बल्कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की प्लेटफ़ॉर्म भी है।
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जनसुनवाई का सामाजिक प्रभाव
- यह प्रक्रिया प्रशासन की जवाबदेही का संदेश देती है— नागरिकों की समस्याएँ नहीं टाली जाएँगी।
- जनसुनवाई जन‑सरकार के बीच विश्वास की दूरी को कम करने में भी सहायक है।
- प्रतिबद्धता और जवाबदेही का संदेश समाज में स्थापित होता है।
News Time Nation Amethi का विश्लेषण
यह घटना यह दर्शाती है कि:
- सरकारी सिस्टम में नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है—जनसुनवाई इसे सुनिश्चित करती है।
- जल्दी निर्णय और ठोस निर्देश प्रशासन की कार्यकुशलता को बढ़ाते हैं।
- सतत निगरानी और जांच जनसुनवाई को प्रभावी बनाती है।
सुझाव और संभावित आगे की दिशा
- जनसुनवाई को स्थायी और नियमित मंडल की तरह चलाया जाए, ताकि शिकायतों का तत्काल निस्तारण सुनिश्चित हो।
- ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायतों को ट्रैक करने और समयबद्ध समाधान की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाए।
- फीडबैक मैकेनिज्म लागू हो, जिससे नागरिकों को पता चले कि उनकी शिकायत का क्या हुआ उपयोग।
निष्कर्ष
News Time Nation Amethi यह संदेश लेकर आती है कि जनसुनवाई केवल एक फॉर्मेलिटी नहीं, बल्कि वह लोकतांत्रिक ज़रिया है जो जनता और सरकार के बीच भरोसे को मजबूत करता है। जिलाधिकारी संजय चौहान की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन जनहित को सर्वोपरि मानता है और उसका सक्रिय समाधान चाहते हैं।