उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में शारदा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। पलियाकलां और शारदा नगर क्षेत्रों में नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे धौरहरा और सदर तहसीलों के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730 पर जलभराव के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है।
पलियाकलां में जलस्तर 155.11 मीटर, खतरे के स्तर से 52 सेमी ऊपर
News Time Nation Lakhimpur की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार,
शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां में 155.11 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो कि खतरे के निशान 154.59 मीटर से लगभग 52 सेंटीमीटर ऊपर है। यह स्थिति लगातार बारिश और नेपाल क्षेत्र से भारी जल प्रवाह के कारण उत्पन्न हुई है।
प्रशासन के अनुसार:
- शारदा बैराज पर भी नदी का जलस्तर 6 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया है।
- लगातार बढ़ता जलस्तर कई गांवों में पानी घुसने की चेतावनी दे रहा है।
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नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बढ़ा खतरा
शारदा नदी के जलस्तर में अचानक हुई यह वृद्धि नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश और जलप्रवाह के कारण मानी जा रही है। नेपाल से छोड़ा गया पानी अब तराई क्षेत्र की नदियों को उफान पर ले आया है। इससे लखीमपुर खीरी की निचली बस्तियों में पानी भरने की स्थिति बन गई है।
प्रभावित इलाके:
- धौरहरा तहसील: कई गांव जलमग्न होने की कगार पर हैं।
- सदर तहसील: फसलों और संपत्तियों को नुकसान की आशंका।
- शारदा नगर, पलियाकलां: प्राथमिक रूप से हाई अलर्ट पर।
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50,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं
News Time Nation Lakhimpur की स्थानीय प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार,
इस बाढ़ से लगभग 50,000 लोगों के प्रभावित होने की संभावना जताई गई है।
संभावित समस्याएं:
- हजारों लोग जलभराव वाले क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।
- बिजली सप्लाई और पीने के पानी की व्यवस्था प्रभावित।
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का संकट।
NH-730 पर जलभराव, यातायात बाधित
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730 जो पलियाकलां से गुजरता है, वह भी शारदा नदी के उफान की चपेट में आ गया है। जलभराव के कारण इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
यातायात विभाग द्वारा निर्देश:
- भारी वाहन वैकल्पिक मार्गों से भेजे जा रहे हैं।
- स्थानीय लोगों को आवश्यक न हो तो यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
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प्रशासन ने जारी किया रेड अलर्ट
लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी ने स्थिति को गंभीर बताते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।
जिला प्रशासन की तैयारियां:
- प्रभावित गांवों में नावों और राहत सामग्री की आपूर्ति।
- SDRF और NDRF की टीमों को तैनात किया गया।
- बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना।
राहत और बचाव कार्य शुरू
प्रशासन ने बताया कि राहत शिविर, सामुदायिक रसोई, मेडिकल कैम्प, और नौकाएं प्रभावित क्षेत्रों में भेज दी गई हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है।
News Time Nation Lakhimpur की रिपोर्ट अनुसार:
- कई गांवों में लोगों को स्कूलों और पंचायत भवनों में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है।
- डॉक्टरों की टीम को भी सक्रिय कर दिया गया है।
- बच्चों, महिलाओं और वृद्धों को प्राथमिकता दी जा रही है।
फसलों को भारी नुकसान की आशंका
शारदा नदी के आसपास के इलाके में धान, गन्ना और सब्जियों की फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।
किसानों की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है।
किसान बोले:
“बरसों की कमाई गई मेहनत एक बार फिर बाढ़ में बह गई। सरकार को मुआवजा देना चाहिए।”
News Time Nation Lakhimpur ग्राउंड रिपोर्ट: तस्वीरों में तबाही
हमारी टीम ने का जायजा लिया। रिपोर्ट में सामने आया कि:
- सड़कें जलमग्न हैं।
- गांवों के रास्ते कट चुके हैं।
- पशु बंधे हुए हैं और चारा भी खत्म हो रहा है।
इन तस्वीरों को देखने के लिए आप News Time Nation Lakhimpur की फ़ोटो गैलरी सेक्शन में जा सकते हैं।
स्थानीय लोगों की मांग
प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- त्वरित मुआवजा वितरण।
- सुरक्षित जगह पर पुनर्वास।
- पशुओं के लिए चारा और दवाई।
- बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था।
स्वास्थ्य सेवाएं भी खतरे में
बाढ़ के कारण कई ग्रामीण इलाकों में डेंगू, मलेरिया, त्वचा रोग फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
News Time Nation Lakhimpur की विशेष अपील
हम News Time Nation Lakhimpur के माध्यम से जिला प्रशासन, NGOs, और सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और इन प्रभावित लोगों की मदद करें। साथ ही, आम नागरिकों से अनुरोध है कि अफवाहों से बचें और केवल सरकारी सूचना पर भरोसा करें।
आपदा प्रबंधन टीम की कार्रवाई
कार्रवाई | विवरण |
---|---|
राहत शिविर | 12 |
नावों की संख्या | 35 |
स्वास्थ्य कैम्प | 7 |
प्रभावित गांव | 40+ |
संभावित प्रभावित जनसंख्या | 50,000+ |
आगे की रणनीति
प्रशासन ने अगले 72 घंटों को क्रिटिकल पीरियड घोषित किया है। इस दौरान:
- जलस्तर की निगरानी लगातार होगी।
- संभावित खतरे वाले इलाकों से लोगों को हटाया जाएगा।
- हर 6 घंटे में अपडेट जारी किया जाएगा।
जुड़े रहिए News Time Nation Lakhimpur के साथ
हम लगातार आपको देंगे:
- लाइव अपडेट
- तस्वीरें और वीडियो
- प्रशासन की घोषणाएं
- जनसेवा की जानकारियाँ
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निष्कर्ष:
शारदा नदी का उफान केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय संकट बनता जा रहा है। लखीमपुर खीरी के हजारों लोगों के जीवन पर इसका सीधा असर पड़ा है। इस कठिन समय में, प्रशासन की तत्परता और जनभागीदारी ही इस संकट से पार पाने का रास्ता है।