संवाददाता , योगेश यादव
सुलतानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के ग्रामसभा बसौढ़ी से एक गम्भीर मामला प्रकाश में आया है, जहाँ एक परिवार ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जे का आरोप लगाया है।
घटना का विवरण
प्रार्थी मोहम्मद कलीम, अपने भतीजे अनीस अहमद, और अन्य परिवार के सदस्यों के अनुसार, उनकी पुश्तैनी जमीन, जो गाटा संख्या 662 (का) में स्थित है, पर गांव के ही निवासी रुखसार अहमद उर्फ अप्पू पुत्र दिलशाद अहमद अवैध तरीके से कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। जब परिवार ने इस प्रयास का विरोध किया, तब दबंग पक्ष द्वारा उन्हें गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई।
यह जमीन सुप्रीम कोर्ट या अन्य न्यायालय में पहले से विचाराधीन बंटवारे के मामले से सम्बंधित है, जिसकी अगली सुनवाई 6 सितंबर 2025 को निर्धारित है। बावजूद इसके कब्जे की कोशिश जारी है—यह एक संवेदनशील और आपराधिक स्तर की समस्या बन गई है।
आरोप व घटनाक्रम
- गाँव के कुछ लोगों का आरोप है कि रुखसार अहमद का तेहसील के लेखपाल से संबंध है, जिसकी वजह से जमीनों की हेराफेरी और अवैध वसूली में उसकी सांठगांठ संभव हो पाती है।
- पीड़ित परिवार का यह भी दावा है कि रुखसार ने कई लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया है, और पैसे के लेन-देन में विवाद होने पर एक पीड़ित ने पहले ही गोसाईगंज थाने में उसके खिलाफ तहरीर भी दी है।
- अब पीड़ित परिवार प्रशासन से जान एवं माल की सुरक्षा और न्याय की गुहार लगा रहा है।
कानूनी स्थिति
- मामला जमीन बंटवारे के अधीन विचाराधीन मुकदमे से जुड़ा है, जिसकी सुनवाई 6 सितंबर 2025 को होना प्रस्तावित है।
- बावजूद इसके यह अत्यधिक चिंता का विषय है कि दबंग प्रवृत्ति वाले व्यक्ति सुनवाई से पहले ही अवैध कब्जे का प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय और व्यापक पृष्ठभूमि: क्या यह एक आम समस्या है?
गोसाईगंज में जमीन विवाद और धोखाधड़ी के मामले
- जुलाई 2025 में गोसाईगंज पुलिस ने भूमि विक्रय में 43 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एक मामला दर्ज किया था। पीड़ित ने आरोप लगाया कि इलाज के लिए जमीन बेचने का प्रस्ताव देकर पैसे लिए गए, पर बाद में भेजे गए बैनामा को अस्वीकार कर दिया गया और धमकी भी दी गई थी।
- अप्रैल 2024 में इसी थाना क्षेत्र के इशाकपुर गांव में भूमि विवाद को लेकर मारपीट हुई थी, जिसके दोनो पक्षों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था।
- अप्रैल 2025 में ही गोसाईगंज क्षेत्र में एलडीए ने 100 बीघा अवैध प्लाटिंग को बुलडोज़र से ध्वस्त करवाया—aधिकारों की अनदेखी और भूमि मसलों की गहरी व्याप्ति को दर्शाता है।
निष्कर्ष
ये घटनाएँ स्पष्ट रूप से संकेत देती हैं कि गोसाईगंज क्षेत्र में भूमि संबंधी विवाद, धोखाधड़ी, अवैध कब्जे और प्रशासन-कानूनी प्रक्रिया के बीच दूरी किसी नई बात नहीं है। आपके द्वारा प्रस्तुत मामला एक सामरिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु है, जो व्यापक समस्या की पहचान को विश्वासपूर्ण बनाता है।
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प्रशासन, न्याय और सुझाए गए कदम
तत्काल कार्रवाई:
- गोवाड़ेगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराया जाना चाहिए। यदि पहले से नहीं दर्ज है, तो अतिक्रमण और धमकी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराना ज़रूरी है।
- जाँच एजेंसियों—SDM, SP को तत्काल सचेत करना और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना।
- जमीन बंटवारे के मुकदमे की आगामी सुनवाई (6 सितंबर 2025) की सूचना कोर्ट को देना, कि सुनवाई तक अवैध कब्जे से बचाने हेतु न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करें।
न्यायिक हस्तक्षेप:
- इजाजतनामा (Ex-parte injunction) की अर्ज़ी दाखिल करके तत्काल कब्जा हटवाना और हेतु तत्काल गिरफ्तारी की पहल करना।
- संपत्ति का सर्वेक्षण कर कब्जाधारक का नाम रिकार्ड करना, ताकि भविष्य में किसी करवट दर्जा स्थिति बने केवल मुकदमे का प्रमाणिक आधार रहे।
परिवार की सुरक्षा:
- पीड़ित परिवार को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने हेतु स्थानीय पुलिस से संवाद स्थापित करना।
- ग्राम स्तर पर पंचायत या स्थानीय दिल्ली से सक्रिय निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
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अख़बार के लिए सुझाव: “News Time Nation Sultanpur” के तहत कैसा दिखे यह समाचार?
शीर्षक सुझाव:
“News Time Nation Sultanpur: गोसाईगंज में पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का प्रयास—परिवार न्याय की गुहार”
उपशीर्षक:
“बंटवारे में विचाराधीन मुकदमे के बावजूद दबंग पक्ष का कब्जा, सुरक्षा की मांग”
लेख की संरचना:
- पार्श्वभूमि—परिवार की जमीन का इतिहास, पुरानी कानूनी प्रक्रिया की जानकारी।
- विवाद का ताजा मोड़—रुखसार अहमद का कब्जा प्रयास, धमकी और पुलिस निवारण।
- विधिक और प्रशासनिक पहल—आगामी सुनवाई, पुलिस एफआईआर, न्यायिक हस्तक्षेप।
- क्षेत्रीय विश्लेषण—गोसाईगंज में भूमि विवाद की सामान्य स्थिति।
- आगे की राह—सुरक्षा, जागरूकता व सहयोग की आवश्यकता, आगे की कानूनी कार्रवाई।
निष्कर्ष
इस लेख का उद्देश्य सिर्फ एक समाचार प्रस्तुत करना नहीं, बल्कि क्षेत्रीय भूमि विवाद की विस्तृत समझ प्रदान करना है। “News Time Nation Sultanpur” के नाम से यह लेख न केवल एक स्थानीय घटना को उजागर करता है बल्कि पूरे सुलतानपुर में जमीन विवादों के प्रति नागरिक और प्रशासनिक जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बन सकता है।
यदि आप चाहें, तो मैं इस लेख को और समृद्ध करने में आपकी सहायता कर सकता हूँ—जैसे कि फोटो, कानूनी दस्तावेजों के अंश, स्थानीय अधिकारियों के बयानों, या पीड़ित परिवार का बयान शामिल करना।