जहाँ पूरा सिस्टम फेल हो जाता है, वहाँ भारतीय सेना ही काम आती है!

पंजाब बाढ़ में सेना बनी देवदूत, News Time Nation Punjab की ग्राउंड रिपोर्ट

News Time Nation Punjab | रिपोर्ट – अमरजीत सिंह, लुधियाना
जब चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी हो, सड़कों पर नावें चल रही हों, और गाँव-शहर सब एक जैसे जलमग्न दिखाई दें, तब इंसान की एक ही आस होती है – कोई आए और बचा ले। पंजाब के कई जिलों में आई भीषण बाढ़ के बीच एक बार फिर वही हुआ जो हमेशा होता है – पूरा सिस्टम चरमरा गया, लेकिन भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया


पंजाब में बाढ़: हालात बेहद गंभीर

पिछले कुछ दिनों से पंजाब के फिरोजपुर, रोपड़, पटियाला, लुधियाना और मोगा जिलों में भारी बारिश के चलते सतलुज, ब्यास और घग्गर नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया।
कई जगहों पर तटबंध टूट गए, और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए। खेत, सड़कें, स्कूल, अस्पताल – सब पानी में डूब गए।

News Time Nation Punjab की टीम ने फिरोजपुर और रोपड़ जिलों का दौरा किया और पाया कि हालात वाकई आपदा जैसे हैं।


प्रशासन पस्त, सेना सक्रिय

स्थानीय प्रशासन ने शुरुआती प्रयास तो किए, लेकिन हालात तेज़ी से बिगड़ते गए। रेस्क्यू बोट्स की कमी, बिजली और मोबाइल नेटवर्क का ठप होना, और सड़क संपर्क टूट जाने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

तभी भारतीय सेना और NDRF की टीमें मैदान में उतरीं। हेलिकॉप्टर, बोट्स, जीवन रक्षक उपकरण और दवाइयों के साथ सेना ने असंख्य लोगों को बाढ़ से बाहर निकाला

एक सैनिक का बयान:

“हमारे लिए ये सिर्फ ड्यूटी नहीं, सेवा है। जब लोग मदद की आस में आँखें लगाए देखते हैं, तो हम पीछे नहीं हट सकते।”


सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन: आँकड़ों में

  • 5000+ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया
  • 100+ बोट्स के जरिए राहत और बचाव कार्य
  • 20+ हेलिकॉप्टर उड़ानें सिर्फ फिरोजपुर जिले में
  • 24 घंटे ऑन ग्राउंड टीम्स
  • 100 टन से अधिक राहत सामग्री का वितरण

News Time Nation Punjab को सेना अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, और जरूरत पड़ने पर और जवान तैनात किए जाएंगे।


Screenshot 453

मानवीय कहानियाँ: जब सेना बनी फरिश्ता

“मेरी जान बच गई…” – बुजुर्ग महिला की दास्तान

फिरोजपुर के एक गाँव की 80 वर्षीय सुरजीत कौर अपने टूटे हुए घर में अकेली थीं। पानी उनके कमरे के अंदर घुटनों तक भर गया था। उन्हें चलने में दिक्कत थी। जब सेना की बोट पहुँची, तो उन्होंने रोते हुए कहा:

“मैं समझ गई थी कि अब भगवान ही बचा सकते हैं। और वो सेना के रूप में आए।”

माँ की गोद में नवजात, बाढ़ में जन्म

एक महिला ने राहत शिविर पहुँचने से पहले ही नाव में बच्चे को जन्म दिया। सेना के डॉक्टरों ने तुरंत स्थिति संभाली। माँ और बच्चा दोनों अब सुरक्षित हैं।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

News Time Nation Punjab ने जब लुधियाना के डीसी से बात की, तो उन्होंने कहा:

“हमें सेना का साथ मिला, ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। बाढ़ इतनी तेज़ थी कि जिला प्रशासन अकेले नहीं संभाल सकता था।”

हालांकि कई लोगों ने यह भी कहा कि अगर पूर्व तैयारी और जल निकासी सिस्टम बेहतर होता, तो हालात इतने बिगड़ते नहीं।


राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप

बाढ़ की तबाही के बाद राजनीति भी तेज हो गई। विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए, जबकि सत्ता पक्ष ने कहा कि “प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं चलता”

News Time Nation Punjab ने पाया कि असल में स्थानीय स्तर पर ड्रेनेज सिस्टम, अतिक्रमण, और रिवर बैक प्रोटेक्शन की समस्याएं लंबे समय से अनदेखी होती रही हैं।


हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे। …

सोशल मीडिया पर वायरल: “धन्यवाद भारतीय सेना”

ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #PunjabFloods, #IndianArmyRescue, और #ThankYouIndianArmy ट्रेंड कर रहे हैं।

लोगों ने सेना की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए लिखा:

“जहाँ सरकारें पानी में बह जाती हैं, वहाँ सेना नाव लेकर आती है।”

News Time Nation Punjab के सोशल मीडिया हैंडल पर भी हजारों लोगों ने सेना के प्रति आभार जताया।


राहत शिविरों में हालात

राज्य सरकार, NGOs और स्थानीय गुरुद्वारों ने राहत शिविर स्थापित किए हैं:

  • गर्म खाना, पानी, प्राथमिक चिकित्सा
  • महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रबंध
  • मोबाइल मेडिकल वैन और डॉक्टर्स की टीम

सेना के साथ-साथ गुरुद्वारों की लंगर सेवा ने भी हजारों लोगों का पेट भरा।


बर्बादी का दृश्य: खेत, फसल और भविष्य

News Time Nation Punjab की रिपोर्ट में पाया गया कि बाढ़ ने:

  • हज़ारों एकड़ फसल को नष्ट कर दिया
  • पशुधन का नुकसान हुआ
  • स्कूल और अस्पतालों को भारी क्षति पहुँची
  • पीने के पानी की समस्या विकराल हो चुकी है

किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्दी मुआवजा और बीमा भुगतान नहीं किया, तो उनकी आर्थिक रीढ़ टूट जाएगी


हमारे यूट्यूब चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। …

क्या सीखा जाए इस आपदा से?

  1. बाढ़ प्रबंधन पर वैज्ञानिक योजना जरूरी
  2. नदी किनारों पर अतिक्रमण हटाना अनिवार्य
  3. स्थानीय स्तर पर ट्रेनिंग और आपदा प्रबंधन टीम बनानी चाहिए
  4. सेना को सम्मान देने के साथ-साथ स्थायी आपदा फोर्स बनानी चाहिए

News Time Nation Punjab की अपील

हमारी टीम की ओर से राज्य सरकार, केंद्र सरकार और नागरिकों से आग्रह है:

  • सेना के प्रयासों को केवल तात्कालिक न मानें, स्थायी समाधान पर कार्य करें
  • बाढ़ को एक प्राकृतिक घटना मानना ठीक है, लेकिन बर्बादी को रोका जा सकता है
  • सेना की हर तस्वीर के पीछे हजारों घंटे की मेहनत और सेवा भावना है – उसका सम्मान करें।

निष्कर्ष: जब कोई नहीं आता, सेना आती है

पंजाब की इस आपदा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब प्रशासन थकने लगता है, तब सेना थकना जानती ही नहीं
हज़ारों ज़िंदगियाँ जिनके लिए अब तक सब कुछ खत्म लग रहा था, उन्हें भारतीय सेना ने उम्मीद दी, हिम्मत दी और नई शुरुआत का मौका दिया


Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

Leave a Comment