विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल

मऊ से बड़ी खबर: न्याय की जीत, अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल

उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा क्षेत्र-356 से विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहाल कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रदेश की राजनीति में कई उठापटक चल रही हैं। न्यायालय का यह निर्णय अब्बास अंसारी और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ी राहत और राजनीतिक पुनर्स्थापना का प्रतीक माना जा रहा है।


न्यायालय का फैसला: विधिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज दिए अपने फैसले में कहा कि अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया में न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और उनकी ओर से प्रस्तुत पक्ष को पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। इसी आधार पर अदालत ने सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया।

फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को निष्कासित करने से पहले नैतिक और वैधानिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।


अब्बास अंसारी: संक्षिप्त राजनीतिक प्रोफ़ाइल

  • नाम: अब्बास अंसारी
  • विधानसभा क्षेत्र: मऊ (क्रमांक 356)
  • राजनीतिक दल: सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी)
  • पेशा: राजनीति, पूर्व में शूटर (राष्ट्रीय स्तर पर)
  • पिता: अफजाल अंसारी (पूर्व सांसद)

अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भारी मतों से जीत दर्ज की थी, और वे तब से मऊ क्षेत्र के सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे थे।


सदस्यता रद्द होने की पृष्ठभूमि

अब्बास अंसारी की सदस्यता पहले आचार संहिता उल्लंघन, राजनीतिक भाषणों में आपत्तिजनक टिप्पणी, और कुछ अन्य आपराधिक मामलों की वजह से रद्द की गई थी। चुनाव आयोग की सिफारिश और राज्य सरकार की मंजूरी से यह निर्णय लिया गया था।

हालांकि, अब्बास अंसारी की ओर से इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, और उनका पक्ष यह था कि यह फैसला राजनीतिक दुर्भावना के तहत लिया गया है।


हमारे यूट्यूब चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। …

न्यायालय के आदेश की मुख्य बातें

  1. सदस्यता रद्द करने में प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन
  2. स्पष्टीकरण का पूरा अवसर नहीं मिला
  3. निर्वाचित प्रतिनिधि को जनता ने चुना है, उसे हटाना अंतिम विकल्प होना चाहिए
  4. सरकारी पक्ष पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है

अब्बास अंसारी की प्रतिक्रिया

फैसले के तुरंत बाद अब्बास अंसारी ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा:

“यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे मऊ क्षेत्र की जनता की जीत है। यह न्यायपालिका में हमारे भरोसे की जीत है। मैं अपने क्षेत्र की सेवा के लिए पहले से ज़्यादा समर्पित रहूंगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि वे इस फैसले को राजनीतिक साजिशों के खिलाफ लोकतंत्र की जीत मानते हैं।


हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे। …

सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का बयान

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा:

“अब्बास अंसारी को जिस तरह से राजनीतिक दबाव में फंसाया गया था, वह लोकतंत्र के लिए खतरा था। कोर्ट ने सच्चाई को पहचाना है। News Time Nation Lucknow जैसे निष्पक्ष प्लेटफॉर्म इस खबर को आम जनता तक पहुँचा रहे हैं, यह सराहनीय है।”


मऊ में जश्न का माहौल

अदालत के फैसले के बाद मऊ में:

  • समर्थकों ने मिठाई बांटी
  • रोड शो की योजना
  • जगह-जगह बधाई पोस्टर लगने शुरू हो गए
  • सोशल मीडिया पर #JusticeForAbbasAnsari ट्रेंड करने लगा

राजनीतिक विश्लेषण: अब आगे क्या?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:

  • यह फैसला राजनीतिक शुद्धिकरण की दिशा में एक अहम कदम है
  • इससे विपक्ष को मूल्य आधारित राजनीति का संदेश गया है
  • ruling पार्टी पर प्रशासनिक दबाव डालने के आरोपों को बल मिला है

Impact Analysis: मऊ और पूर्वांचल की राजनीति पर प्रभाव

अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली से:

  • मऊ में सुभासपा का जनाधार और मज़बूत होगा
  • गठबंधन की राजनीति में नया समीकरण बनेगा
  • भाजपा और सपा दोनों को रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा

न्यायिक व्यवस्था पर भरोसे की पुनर्स्थापना

इस फैसले ने यह भी साबित किया कि भारत की न्यायिक प्रणाली:

  • राजनीतिक दवाब से मुक्त होकर काम कर सकती है
  • आम नागरिक और जनप्रतिनिधि को न्याय दिलाने में सक्षम है
  • यह लोकतंत्र की तीसरी मजबूत स्तंभ के रूप में काम कर रही है

  1. अब्बास अंसारी की कोर्ट से बाहर आते हुए तस्वीर
  2. मऊ में मिठाई बांटते समर्थक
  3. सुभासपा नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  4. विधानसभा क्षेत्र के पोस्टर्स और बैनर

निष्कर्ष: न्याय की जीत, लोकतंत्र की मजबूती

अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल होने का अर्थ केवल एक व्यक्ति की जीत नहीं, बल्कि यह जनता के अधिकार, मत की गरिमा और लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

Leave a Comment