संवाददाता , योगेश यादव
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय पहल, जेल में आयोजित हुआ कानूनी सहायता शिविर
सुलतानपुर, 8 सितंबर 2025 | विशेष रिपोर्ट – News Time Nation Sultanpur:
उत्तर प्रदेश के महिला कल्याण निदेशक, लखनऊ के निर्देशों के क्रम में और जिलाधिकारी श्री कुमार हर्ष के कुशल मार्गदर्शन में सोमवार को सुलतानपुर जिला कारागार में महिला बंदियों के लिए एक विधिक जागरूकता एवं कानूनी सहायता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर का उद्देश्य “संकल्प हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना” के तहत जेल में बंद महिलाओं को कानूनी अधिकारों, निःशुल्क अधिवक्ता सेवा, तथा सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ
- स्थान: जिला कारागार, सुलतानपुर
- तिथि: सोमवार, 8 सितंबर 2025
- अध्यक्षता: जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री वी.पी. वर्मा
- सहयोग: जेल अधीक्षक प्रांजल अरविंद एवं जेलर ओमकार पांडेय
- उपस्थित गण: महिला कल्याण विभाग की पूरी टीम, जेण्डर स्पेशलिस्ट, जिला मिशन समन्वयक एवं अन्य अधिकारीगण
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कानूनी सहायता: महिला बंदियों को मिला भरोसा
शिविर में जिला प्रोबेशन अधिकारी वी.पी. वर्मा ने महिला बंदियों से व्यक्तिगत रूप से संवाद किया और उनकी कानूनी स्थिति को समझने का प्रयास किया। बातचीत के दौरान पाया गया कि कुछ महिला बंदियों को अब तक सरकारी अधिवक्ता नियुक्त नहीं हुए हैं।
इस पर उन्होंने तुरंत जेल प्रशासन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से ऐसी बंदियों को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। जेलर ओमकार पाण्डेय से विशेष चर्चा कर यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी बंदी को न्याय से वंचित न होना पड़े।
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महिला कल्याण योजनाओं की जानकारी
News Time Nation Sultanpur को मिली जानकारी के अनुसार, शिविर में महिला बंदियों को महिला कल्याण विभाग की निम्नलिखित योजनाओं की जानकारी दी गई:
- निराश्रित महिला पेंशन योजना
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
- मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)
- स्पॉन्सरशिप स्कीम
- महिला हेल्पलाइन नंबर – 181
अधिकारियों ने प्रत्येक योजना की पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया ताकि जेल से रिहा होने के बाद भी महिलाएं इन योजनाओं से जुड़कर लाभान्वित हो सकें।
प्रशासनिक सक्रियता और ज़मीनी कार्य
कार्यक्रम के दौरान जिला मिशन समन्वयक रेखा गुप्ता, जेण्डर स्पेशलिस्ट सरोज यादव, सह-समन्वयक नीलम वर्मा, कविता कुमारी, अवधेश कुमार, रिद्धि सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मौके पर सक्रिय रूप से भाग लिया और बंदियों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
जिला कारागार अधीक्षक प्रांजल अरविन्द ने महिला बंदियों को आश्वासन दिया कि वे किसी भी विधिक सहायता के लिए स्वतंत्र रूप से प्रशासन से संपर्क कर सकती हैं।
महिला बंदियों की प्रतिक्रिया: भरोसा और उम्मीद
महिला बंदियों ने इस शिविर की सराहना करते हुए कहा कि:
“हमें पहली बार ऐसा लग रहा है कि समाज और शासन हमारी भी सुध ले रहा है। हमने अपनी गलती की है, लेकिन अब हम न्याय और पुनर्वास की आशा लेकर जी सकते हैं।”
कई बंदियों ने बताया कि उन्हें अब तक यह जानकारी नहीं थी कि सरकार उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता, पेंशन, और बाल सेवा योजनाओं के अंतर्गत भी मदद कर सकती है।
संकल्प योजना क्या है?
“संकल्प हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना” उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य है:
- महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और विधिक रूप से सशक्त बनाना
- समाज के हाशिए पर रहने वाली महिलाओं तक सरकारी सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना
- महिला अपराधों के मामलों में पीड़ितों और आरोपी महिलाओं को कानूनी मार्गदर्शन देना
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- जिला कारागार का फोटो (बाहरी दृश्य)
- शिविर में बैठी हुई महिला बंदियों की पीठ से तस्वीर (अनुपयुक्त चेहरा न दिखाएँ)
- जिला प्रोबेशन अधिकारी/जेलर/कल्याण अधिकारी बातचीत करते हुए
- योजनाओं से संबंधित बैनर या पोस्टर की फोटो
आंकड़ों में देखें शिविर का प्रभाव (फिक्शनल डेटा):
श्रेणी | संख्या |
---|---|
कुल महिला बंदी | 38 |
अधिवक्ता न मिलने वाली बंदियाँ | 12 |
योजनाओं में रुचि दिखाने वाली | 29 |
तुरंत आवेदन हेतु तैयार | 17 |
कार्यक्रम का महत्व: पुनर्वास की दिशा में कदम
इस तरह के कार्यक्रम यह दर्शाते हैं कि सरकार सिर्फ दंड की नहीं, पुनर्वास और सशक्तिकरण की राह पर भी काम कर रही है। महिला बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की यह एक बेहद प्रभावी पहल है।