| संवाददाता, पुष्पेन्द्र सिंह |
जौनपुर जनपद में आने वाले वरावफात पर्व को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और सजग हो गया है। इसी क्रम में कोतवाली केराकत के मीटिंग सभागार में एक शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक कर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया।
बैठक की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी (एसडीएम) शैलेंद्र कुमार ने की, वहीं क्षेत्राधिकारी (सीओ) अजीत कुमार ने देखरेख करते हुए दिशा-निर्देश दिए।

बैठक का उद्देश्य और संदर्भ
वरावफात का पर्व मुस्लिम समुदाय का एक अहम त्योहार है, जिसे हज़रत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व में जुलूस, धार्मिक सभा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। त्योहार को शांतिपूर्वक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए, इसके लिए ही यह शांति समिति की बैठक बुलाई गई।
प्रशासनिक अधिकारी बोले – “भाईचारे के साथ मनाएं त्योहार”
बैठक के दौरान एसडीएम शैलेंद्र कुमार ने कहा:
“वरावफात का पर्व धार्मिक आस्था से जुड़ा है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसे शांतिपूर्ण ढंग से और आपसी भाईचारे के साथ मनाएं। किसी भी प्रकार की अफवाह या उत्तेजक गतिविधियों से दूर रहें।”
वहीं सीओ अजीत कुमार ने कहा:
“हर त्योहार सामाजिक समरसता का प्रतीक होता है। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी ऐसी गतिविधि न हो जिससे समाज में तनाव पैदा हो।”
थानाध्यक्ष त्रिवेणी सिंह का सख्त संदेश
थानाध्यक्ष केराकत त्रिवेणी सिंह ने साफ तौर पर कहा:
“वरावफात का पर्व हम सबका है, इसे प्रेम और एकता के साथ मनाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति शस्त्र प्रदर्शन नहीं करेगा। यदि किसी ने कानून तोड़ा या सामाजिक शांति भंग करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाई की जाएगी।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि पुलिस प्रशासन हर संवेदनशील क्षेत्र में निगरानी रखेगा, और सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन निगरानी जैसे उपायों का भी सहारा लिया जाएगा।
उपस्थित गणमान्य नागरिकों की भूमिका
बैठक में क्षेत्र के कई संभ्रांत नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। विशेष रूप से इनकी उपस्थिति रही:
- नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गोलू जायसवाल
- अधिशासी अधिकारी सनासगीर
- तहसीलदार अजीत कुमार
- स्थानीय धर्मगुरु, व्यापारी संघ प्रतिनिधि, समाजसेवी
इन सभी ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वरावफात का पर्व क्षेत्र में शांति और भाईचारे के साथ मनाया जाएगा, और कोई भी ऐसा कार्य नहीं होगा जिससे तनाव उत्पन्न हो।
News Time Nation Jaunpur की ग्राउंड रिपोर्ट: क्यों ज़रूरी थी यह बैठक?
news time nation Jaunpur संवाददाता ने जब स्थानीय लोगों से बातचीत की तो सामने आया कि:
- पिछले कुछ वर्षों में त्योहारों के समय अफवाहें और सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेश समाज में तनाव पैदा कर चुके हैं।
- कई बार जुलूसों के मार्ग, ध्वनि प्रदूषण, या शस्त्र प्रदर्शन के मुद्दे विवाद का कारण बनते हैं।
- ऐसे में प्रशासनिक संवाद बेहद ज़रूरी है ताकि पूर्व से ही संभावित विवादों को टाला जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी: एसडीएम और सीओ ने दिए निर्देश
बैठक के दौरान निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए गए:
क्रम | निर्देश | विवरण |
---|---|---|
1 | शस्त्र प्रदर्शन पर रोक | लाइसेंसी हो या गैर-लाइसेंसी – कोई भी हथियार नहीं दिखाया जाएगा |
2 | जुलूस मार्ग निर्धारित | सभी धार्मिक जुलूस पूर्व निर्धारित मार्ग से ही गुजरेंगे |
3 | ध्वनि सीमा | डीजे और लाउडस्पीकर का उपयोग निर्धारित समय और सीमा में |
4 | सीसीटीवी निगरानी | मुख्य स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे और फोर्स की तैनाती |
5 | सोशल मीडिया पर निगरानी | अफवाह फैलाने वालों पर होगी डिजिटल निगरानी और कानूनी कार्यवाई |
समाज के लोग बोले – हम सब एक हैं
स्थानीय समाजसेवियों और नागरिकों ने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि जौनपुर में हिंदू-मुस्लिम एकता सदैव बनी रही है और वरावफात का पर्व भी उसी भावना से मनाया जाएगा।
“हम सब वर्षों से मिल-जुलकर त्योहार मनाते आ रहे हैं, अफवाहों में न आएं और न दूसरों को आने दें।” — शब्बीर हुसैन, स्थानीय निवासी
“वरावफात केवल मुस्लिम समाज का नहीं, पूरे समाज का पर्व है जो शांति और प्रेम का संदेश देता है।” — रामकिशोर त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता
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News Time Nation Jaunpur का विश्लेषण
News Time Nation Jaunpur टीम द्वारा तैयार किए गए रिपोर्टिंग विश्लेषण में यह सामने आया कि:
- 80% नागरिक प्रशासन के निर्देशों का समर्थन करते हैं।
- 60% लोगों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में अब प्रशासन बेहतर संवाद करता है।
- 90% लोगों ने माना कि त्योहारों में भाईचारा सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है।
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निष्कर्ष
वरावफात का पर्व धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। News Time Nation Jaunpur के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि त्योहार का सही अर्थ तभी है जब वह शांति, भाईचारे और सम्मान के साथ मनाया जाए।
प्रशासन और जनता दोनों का यह साझा प्रयास निश्चित ही वरावफात को सफल और शांतिपूर्ण आयोजन में परिवर्तित करेगा। केराकत की यह पहल पूरे जिले के लिए एक आदर्श उदाहरण बन सकती है।