| संवाददाता, अली जावेद |
घटना की पृष्ठभूमि
दिन सोमवार को आयोजित ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ के दौरान कोंच नगर पालिका परिषद के सभासदों ने एक शिकायती पत्र सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया कि 15वें वित्त आयोग के तहत मित्र नगर पालिका में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं या हो रहे हैं, लेकिन नालियों, सड़क जाली और पैच वर्क जैसी प्राथमिक आवश्यकताओं की अनदेखी की जा रही है।
सभासदों का कहना था कि बजट का अमल जनता की मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए होना चाहिए, परंतु नगर में विद्युत आपूर्ति संबंधी कार्यों में धन का दुरुपयोग हो रहा है।
2. हाई मास्ट लाइट की शोपीस बनना
विशेष रूप से, नगर के छोटी दोहर गांव में स्थापित की गई हाई मास्ट लाइटें चर्चा का विषय बनी। जहां ग्रामीणों ने कहा कि ये लाइटें सिर्फ शोपीस बनकर रह गई हैं, क्योंकि अधिकांश गली-अदरों में अब भी अंधेरा पसरा हुआ है।
Ground Zero कवरेज के अनुसार:
- रात करीब 11:30 बजे, जब स्थानीय संवाददाता मौके पर पहुंचे, तब हकीकत सामने आई कि हाई मास्ट लाइटें सक्रिय नहीं हैं, जबकि अन्य स्थानों पर स्टेशनर कार्यों की प्राथमिकताएं बनी हुई हैं।
- ग्रामीण नगर पालिका और ठेकेदारों पर अनियमितता और प्राथमिकताहीनता के गंभीर आरोप लगा रहे थे।
3. विकास न होने की शिकायतें
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में (वार्ड 24 यानि जयप्रकाश नगर से संबंधित) यह बताया गया कि:
- वार्ड में सफाई का अभाव, खुले नाले, और दिन में जलती स्ट्रीट लाइट जैसी शिकायतें अटकी पड़ी हैं।
- हाई मास्ट लाइटों के बजट की तुलना में अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति विसंगत नजर आती है।
4. पारदर्शिता और जांच की मांग
सभासदों ने अपनी शिकायत में यह भी स्पष्ट किया कि:
- बोर्ड प्रत्याशा का इस्तेमाल आकस्मिक कार्यों के लिए होना चाहिए था, न कि प्रमुख आपूर्ति संबंधी परियोजनाओं के लिए।
- इसके बजाय, इलेक्ट्रॉनिक टेंडर (ई‑टेंडर) प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, जिससे स्थानीय व क्षमता संपन्न फर्मों को उचित मौका मिल सके।
- उन्होंने हाई मास्ट लाइट की उच्च लागत पर भी सवाल उठाते हुए तांत्रिक टीम द्वारा जांच की मांग की।
5. प्रशासनिक गतिविधियाँ – निरीक्षण और नज़र
कोंच नगर पालिका के कार्यों पर अपर जिलाधिकारी (ADM) ने पहले भी निरीक्षण किया था। उस दौरान उन्होंने:
- अनेक अनियमितताओं को उजागर करते हुए, सख्त चेतावनी जारी की थी।
- पालिका कर्मचारियों को कार्यकुशलता बढ़ाने और शिकायत निवारण रजिस्टर को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए थे।
इस समीक्षा में विद्युत, सेतु संचालन और अन्य विकास संबंधी क्षेत्रों पर भी सुधार के कड़े निर्देश जारी किए गए थे।
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6. News Time Nation Jalaun का विश्लेषण
विकास और प्राथमिकता का असंतुलन
जब सीमित बजट का उपयोग बुनियादी सुविधाओं (सड़कों की मरम्मत, नालियों की सफाई) के बजाय बुर्ज (हाई मास्ट) जैसी महंगी चीजों पर होता है, तो यह प्रशासनिक विकास प्राथमिकताओं में विसंगति को दर्शाता है।
पारदर्शिता का अभाव
बोर्ड प्रत्याशा के तहत खर्च हुई राशि की आंचलिक और शिकायतों से दूर, बिना ई‑टेंडर के जारी होने से सुधार की गुंजाइश कम होती है।
जनता की प्रतिक्रिया और स्थानीय समावेशिता
Ground Zero रिपोर्टिंग ने ग्रामीणों के दर्द को सामने रखा—उनकी समस्याएं अभी भी जिंदा हैं।
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7. सुझाव और आगे की राह
- ई‑टेंडर प्रक्रिया अपनाकर पारदर्शी खर्च सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- स्थानीय ग्राम पंचायतों को शामिल करते हुए प्राथमिकता निर्धारण करना चाहिए।
- हाई मास्ट लाइटों की समीक्षा और उनका उपयोग उचित स्थानों पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- जन निगरानी मंच (जैसे जाल जनभागीदारी) का गठन किया जा सकता है।
निष्कर्ष
कोंच नगर पालिका के यह विवादात्मक मुद्दे केवल एक स्थानीय कहानी नहीं हैं। यह एक जागरूक नागरिकता, प्रशासनिक जवाबदेही और विकास प्राथमिकताओं का परिचायक है। news time nation Jalaun की यह रिपोर्ट सार्वजनिक विमर्श को बढ़ावा देती है और परिवर्तन के लिए एक दिशा प्रदान करती है।