संवाददाता , योगेश यादव
प्रस्तावना
नशा, विशेषकर इंजेक्टेड एवं ओरल ड्रग उपयोग की प्रवृत्ति, समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था दोनों के लिए एक बड़ा सचेत मुद्दा बन चुकी है। भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत ओरल सब्स्टिट्यूशन थेरेपी (OST) कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल है। यही OST सेवा अब सुलतानपुर के स्वशासी राज़कीय मेडिकल कॉलेज परिसर में नया OST सेंटर खुलने के साथ और प्रभावी हो पाएगी।
OST सेंटर क्या है?
- OST (Opioid Substitution Therapy) एक चिकित्सीय कार्यक्रम है जिसमें ओपिओइड ड्रग उपयोगकर्ताओं को इंजेक्शन ड्रग उपयोग से बचाने के लिए मुंह द्वारा ली जाने वाली दवाएँ दी जाती हैं, जैसे बुप्रीनॉर्फिन (Buprenorphine) आदि।
- इसका उद्देश्य ड्रग उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य खतरों को कम करना है, जैसे HIV संक्रमण, इंजेक्शन-संबंधित अन्य संक्रामक रोग, स्वास्थ्य गिरावट आदि।
- इस तरह के केंद्र चिकित्सा, परामर्श, पुनर्वास एवं सामाजिक‑मनोवैज्ञानिक सहयोग समेत कई पहलुओं को एक साथ समाहित करते हैं।
शुभारंभ समारोह
स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज सुलतानपुर के परिसर में, डायलिसिस सेंटर के पास पूर्व में जहाँ मरीजों का पर्चा बनता था, उसी कक्ष को OST सेंटर के रूप में आरंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. के. मिश्रा ने फीता कटा कर और औपचारिक उद्घाटन कर केंद्र को जनता के लिए खोलने की घोषणा की।
उपस्थित थे:
- एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन सिंह
- मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सहाबुद्दीन
- मैट्रन मूर्ता अंजलि
- तथा दर्जनों अन्य चिकित्सा एवं परिचर‑कर्मचारी जो इस सेवा को संचालित करेंगे।
- इस केंद्र का संचालन NACO (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) द्वारा तय दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगा।
भागीदार और उनकी भूमिका
- स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज — माध्यम जहां यह केंद्र स्थापित हुआ है; संसाधन, डॉक्टर, सहायक स्टाफ की व्यवस्था।
- मुख्य चिकित्सा अधीक्षक Dr. R.K. Mishra — उद्घाटनकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग में नेतृत्व।
- प्रताप सेवा समिति — समाज सेवा संस्था, जो नशा के रोगियों को लाने एवं उपचार कराने में सहयोग करेगी।
- संस्थागत स्टाफ जैसे Dr. Pawan Singh, Dr. Sahabuddin, मैट्रन मूर्ता अंजलि आदि — चिकित्सीय और परिचर सेवाएँ।
नशा मुक्ति और समावेशी स्वास्थ्य सेवा का महत्व
- स्वास्थ्य एवं सामाजिक लाभ: OST केंद्रों से रोगियों को इंजेक्शन उपयोग खत्म करने में मदद मिलती है, स्वास्थ्य जोखिम घटते हैं, सामाजिक कलंक कम होता है।
- HIV/AIDS एवं अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम: साझा सुई उपयोग से HIV और हेपेटाइटिस जैसे रोग फैलने की संभावना होती है; OST इस जोखिम को घटाने में मदद करता है।
- मनोरोग एवं सामाजिक पुनर्वास: नशे के कारण मानसिक रोग, पारिवारिक टूट-फूट, समाज से पृथक्करण आदि समस्याएँ होती हैं; परामर्श और पुनर्वास इस तरह के केंद्रों में संभव है।
- सुलतानपुर व आसपास के इलाकों में पहुँच: इस तरह का केंद्र मरीजों को दूर‑दराज न जाना पड़े, इलाज आसान हो, समय‑और यात्रा‑व्यय कम हो।
प्रतिक्रिया और अपेक्षाएँ
- प्रताप सेवा समिति के सचिव विजय विद्रोही ने कहा कि संस्था पूर्ण समर्थन देगी और कार्यक्रम की सफलता हेतु कार्यकर्ता शत‑प्रतिशत मेहनत करेंगे।
- आश्रय गृह / मानसिक रोग विशेषज्ञों की उम्मीद है कि यह केंद्र मरीजों के बीच विश्वास बढ़ाएगा और नशे की समस्या से ग्रस्त लोगों को इलाज की दृष्टि से एक ठोस विकल्प प्रदान करेगा।
- स्थानीय लोगों और रोगियों ने इस पहल को स्वागत किया है क्योंकि इससे इलाज‑खर्च व यात्रा‑प्रयास दोनों कम होंगे।
चुनौतियाँ और सुझाव
हालाँकि शुभारंभ एक सकारात्मक कदम है, लेकिन कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए निम्न चुनौतियों और सुझावों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है:
- दवाओं की नियमित उपलब्धता
OST केंद्रों को निर्धारित दवा आपूर्ति स्थिर होनी चाहिए — बुप्रीनॉर्फिन की कमी न हो, स्टॉक‑आउट की स्थिति न बने। - परामर्श एवं सामाजिक समर्थन कार्यक्रम
सिर्फ दवा देना पर्याप्त नहीं है; मानसिक स्वास्थ्य सहायताएँ, पारिवारिक साथ, पुनर्वसन कार्यक्रम भी जरूरी हैं। - गुप्तता और कलंक प्रबंधन
नशे की समस्या सार्वजनिक कलंक का विषय बन जाती है, इसलिए रोगियों को गोपनीयता व सम्मान के साथ सेवा प्रदान की जाए। - स्टाफ की प्रशिक्षण एवं संसाधन
चिकित्सक, परामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ आदि को OST के SOP (Standard Operating Procedure) के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाए। - स्थायी निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण
केंद्र की सेवाओं की समय‑समय पर समीक्षा होनी चाहिए, मरीजों की प्रतिक्रिया ली जाए, सुधार की गुंजाइशों को पहचान कर लागू किया जाए।
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संदर्भ
- भारत सरकार / NACO ने OST को राष्ट्रीय AIDS नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा बनाया है।
- दूसरे राज्यों में भी इस तरह के OST केंद्र स्थापित हो रहे हैं, जैसे कि अजमेर (राजस्थान) में मेडिकल कॉलेज में OST सेंटर।
- असम एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में OST की प्रचलन है और सरकार द्वारा इसे आत्म‑हस्ताक्षरित नीति और दिशा-निर्देशों के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
सुलतानपुर में इस पहल से संभावित प्रभाव
- नशा की समस्या (विशेषकर इंजेक्टेड या ओरल ड्रग) से प्रभावित लोगों को इलाज की एक नयी राह मिलेगी।
- अस्पताल एवं सुविधाएँ नज़दीक होने की वजह से लोग समय पर मदद लेने में सक्षम होंगे।
- सामाजिक स्वास्थ्य का स्तर सुधरेगा, HIV/AIDS आदि संक्रमण के बढ़ने की दर में कमी आएगी।
- स्थानीय समुदाय और परिवारों को राहत मिलेगी जब मरीजों को बाहर के शहरों में इलाज हेतु नहीं जाना पड़ेगा।
निष्कर्ष
News Time Nation Sultanpur के अनुसार, स्वशासी सरकारी मेडिकल कॉलेज परिसर में OST केंद्र का शुभारंभ एक सकारात्मक और जरूरत के मुताबिक कदम है। यह सिर्फ एक चिकित्सकीय सुविधा नहीं है, बल्कि नशे की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए नई आशा है।