नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द में शहीद-ए-आज़म वीर अब्दुल हमीद की शहादत दिवस पर उनकी प्रतिमा का अनावरण एवं भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात हस्तियों ने भागीदारी कर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मोहम्मद अज़हर हुसैन इदरीसी और विशिष्ट अतिथि विधायक चंदन चौधरी रहे। इसके अलावा जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद अफसार आलम, शहीद के पौत्र डॉ. मोहम्मद जावेद, रजिस्ट्रार कर्नल ताहिर मुस्तफा, अंजुमन इदरीसिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मोहम्मद नफीस इदरीसी, निगम पार्षद भागवीर चौधरी एवं हाजी हनीफ मलिक समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों ने हमदर्द टी प्वाइंट स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर हमदर्द ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। आयोजन समिति के पत्रकार कमर अहमद और मोहम्मद मुशर्रत ने इस दिन को ऐतिहासिक और गौरवशाली बताते हुए कहा कि यह समारोह वीर अब्दुल हमीद के अद्वितीय शौर्य और बलिदान को याद करने की एक छोटी सी श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर कई संस्थाओं और व्यक्तियों को शहीद वीर अब्दुल हमीद अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।
वीर अब्दुल हमीद का योगदान
1 जुलाई 1933 को गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) के धामूपुर गांव में जन्मे वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अपनी अद्वितीय वीरता का परिचय दिया। भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में क्वार्टर मास्टर हवलदार के रूप में तैनात रहते हुए उन्होंने पाकिस्तानी सेना के अजेय माने जाने वाले पैटन टैंकों को अपनी रिकॉइललेस राइफल से ध्वस्त कर दिया। आठ टैंकों को नष्ट कर उन्होंने रणभूमि में इतिहास रच दिया।
उनकी शहादत को नमन करते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृत किया।