सुल्तानपुर संवाददाता :-अंकुश यादव
सुल्तानपुर जिला उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने मरीज के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कोतवाली नगर के खैराबाद निवासी इंद्र बहादुर सिंह की पत्नी के कूल्हा ट्रांसप्लांट के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए चिकित्सक को 6,42,500 रुपये और मानसिक कष्ट व वाद व्यय के लिए सात हजार रुपये देने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग के अध्यक्ष राम लखन सिंह चंद्रौल और सदस्य भारत भूषण तिवारी ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में आयोग ने स्पष्ट किया कि चिकित्सक को मरीज के प्रति जिम्मेदारी निभानी थी, लेकिन इलाज में लापरवाही बरती गई।
परिवादी इंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह का कूल्हा ट्रांसप्लांट कराने के लिए उन्होंने कानपुर के स्पाइन सर्जन डॉ. आरके सिंह से इलाज कराया। यह मामला चार जुलाई 2019 का है। आरोप के अनुसार, चिकित्सक ने लाखों रुपये लेने के बावजूद सही और समय पर इलाज नहीं किया, जिससे मरीज को अतिरिक्त कष्ट और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।परिवादी ने इस हानि की भरपाई के लिए जिला उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग में वाद दायर किया। आयोग ने मामले की सुनवाई के दौरान सभी दस्तावेज, मेडिकल रिकॉर्ड और साक्ष्य की गंभीरता से जांच की। आयोग ने पाया कि चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गई थी और मरीज के हित की अनदेखी हुई।

सुनवाई के दौरान, आयोग ने कहा कि मरीज के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरि है। डॉक्टर द्वारा लिए गए पैसे और उचित इलाज न देने की घटना उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के दायरे में आती है। इसके आधार पर आयोग ने डॉक्टर को आदेश दिया कि वे दो माह के भीतर इंद्र बहादुर सिंह को 6,42,500 रुपये की रकम अदा करें। इसके अलावा, मानसिक कष्ट और वाद व्यय के लिए सात हजार रुपये भी देने का निर्देश दिया गया।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना और चिकित्सकीय लापरवाही पर कार्रवाई करना आवश्यक है। इस फैसले से यह संदेश जाता है कि चिकित्सा क्षेत्र में उपभोक्ता हितों की अनदेखी नहीं बर्दाश्त की जाएगी। आयोग ने यह भी कहा कि डॉक्टरों को अपने पेशेवर कर्तव्यों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ निभाना चाहिए।परिवादी इंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि इस निर्णय से उन्हें न्याय मिला है और अब उनकी पत्नी का इलाज सही तरीके से किया जा सकेगा। उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को उनकी संवेदनशील और निष्पक्ष कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया।

उपभोक्ता आयोग का यह फैसला अन्य लोगों के लिए भी उदाहरण है, कि यदि किसी डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की लापरवाही से नुकसान होता है तो उपभोक्ता अपने अधिकारों के लिए उचित कानूनी रास्ता अपनाकर न्याय दिला सकते हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, चिकित्सा क्षेत्र में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा अत्यंत आवश्यक है। आयोग द्वारा दिए गए इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि मरीजों को उनके स्वास्थ्य और आर्थिक हितों की सुरक्षा का पूरा हक है। इसके साथ ही चिकित्सकों को अपने पेशेवर दायित्वों का पालन करना अनिवार्य है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
इस प्रकार, सुल्तानपुर जिला उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है और यह दिखाया है कि कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से मरीजों को उचित न्याय और आर्थिक राहत दिलाई जा सकती है।