मेरठ संवाददाता :- शाहिदीन मलिक
मेरठ में 10 वर्षीय बच्चे के कथित अपहरण का मामला जबरदस्त सनसनी बन गया। पुलिस ने मात्र कुछ घंटों में पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। बच्चे को सकुशल बरामद करने के साथ ही उसकी मां सोनिया और उसके सहयोगी संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जांच में यह सामने आया कि अपहरण का यह नाटक पैसों की मांग और पिछले झूठे आरोपों से जुड़े विवाद के कारण रचा गया था। पुलिस की सतर्कता, तकनीकी जांच और मोबाइल व सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए पूरे मामले का खुलासा किया गया।
सरधना थाना क्षेत्र में रहने वाले 10 वर्षीय बच्चे का कथित अपहरण गुरुवार रात को होने की खबर से पूरे इलाके में खलबली मच गई। बच्चे की मां सोनिया ने थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई कि उसके बेटे को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और तीन टीमें गठित कर दीं।

पुलिस ने घटना की जांच में सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल नंबरों की सीडीआर और अन्य डिजिटल ट्रेल्स की मदद ली। जांच के दौरान कई संदिग्ध गतिविधियां सामने आईं, जिससे पुलिस को सोनिया पर शक हुआ।
बच्चे को सकुशल बरामद किया गया
कुछ ही घंटों की जांच के बाद पुलिस टीम ने बच्चे को गौतमबुद्ध नगर से सकुशल बरामद कर लिया। बच्चे के साथ संजय नाम का शख्स पाया गया, जो सोनिया का सहयोगी बताया गया। इस कार्रवाई से यह साबित हुआ कि अपहरण केवल पैसे ऐंठने की साजिश थी, न कि वास्तव में कोई खतरा था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सोनिया की जान-पहचान मोहित नाम के युवक से थी। मोहित ने शादी का प्रस्ताव ठुकराया था, जिसके बाद सोनिया ने उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की योजना बनाई। उसने अपने सहयोगी संजय की मदद से अपने बेटे को नॉएडा भेज दिया और सरधना में अपहरण का नाटक रच दिया। सर्विलांस लोकेशन और फोन कॉल डिटेल्स ने पुलिस को सीधे उस जगह तक पहुंचा दिया, जहाँ बच्चा छिपा था।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सोनिया ने पहले मोहित पर झूठा दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जिससे वह जेल भी गया था। बाद में उसने पैसे लेकर मोहित को जेल से बाहर निकाला, लेकिन फिर भी सोनिया ने उससे पैसों की मांग जारी रखी। मना करने पर उसने नया झूठा अपहरण कर दिया।

एसपी देहात अभिजीत कुमार ने बताया कि पुलिस की सतर्कता, तकनीकी जांच और टीमवर्क के कारण कुछ ही घंटों में पूरे मामले का पर्दाफाश किया गया। दोनों आरोपियों सोनिया और संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, और बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है। इसके अलावा, मोहित की मां ने सोनिया और संजय के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया। इस केस में पुलिस की त्वरित कार्यवाई और टीमवर्क ने अपराधियों को समय रहते पकड़ने में मदद की। यह घटना न केवल फर्जी अपहरण की चेतावनी देती है, बल्कि समाज में ऐसे झूठे आरोप और आर्थिक लालच की गंभीरता को भी उजागर करती है।

फर्जी अपहरण और झूठे मुकदमे कानून के तहत गंभीर अपराध माने जाते हैं। पुलिस की जांच और गिरफ्तारियाँ यह संदेश देती हैं कि समाज में किसी भी तरह की साजिश को अंजाम देने से पहले कानून को ध्यान में रखना जरूरी है। ऐसे मामलों में आम जनता को सतर्क रहना चाहिए और केवल कानूनी माध्यम से ही शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
मेरठ का यह फर्जी अपहरण मामला दर्शाता है कि मानसिक और आर्थिक लालच किसी को भी अपराध की ओर ले जा सकता है। पुलिस की सतर्कता, तकनीकी जांच और तेजी से कार्रवाई ने बच्चे की जान को सुरक्षित रखा और अपराधियों को कानून के हवाले किया। यह घटना समाज के लिए चेतावनी है कि झूठे आरोप, फर्जी साजिश और रंगदारी की कोशिशों से न केवल दूसरों की जिंदगी खतरे में पड़ती है, बल्कि आरोपी को भी कठोर कानूनी कार्यवाई का सामना करना पड़ता है।