सुल्तानपुर जिले में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। औषधि विभाग की रिपोर्ट पर कार्यवाई करते हुए नगर कोतवाली में गोलाघाट स्थित हिंदुस्तान मेडिकल एजेंसी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एजेंसी द्वारा 34 हजार कोडीनयुक्त कफ सिरप और लाखों रुपए की नशीली कैप्सूलों की संदिग्ध सप्लाई का मामला सामने आया है।

सुल्तानपुर में नशीली दवाओं के अवैध नेटवर्क को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। औषधि विभाग (ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने गोलाघाट स्थित हिंदुस्तान मेडिकल एजेंसी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एजेंसी से करीब 34 हजार कोडीनयुक्त कफ सिरप की शीशियां और लाखों रुपये की नशीली कैप्सूल संदिग्ध तरीके से सप्लाई की गईं।
यह मामला जिले में लंबे समय से चल रहे नशीली दवाओं के अवैध कारोबार की ओर इशारा करता है, जिसे मेडिकल सप्लाई की आड़ में चलाया जा रहा था। जांच में सामने आया कि ये दवाएं जरूरत से कई गुना अधिक मात्रा में खरीदी और वितरित की जा रही थीं, जो सामान्य मेडिकल कारोबार के मानकों से बिल्कुल मेल नहीं खातीं।
🔍 कैसे हुआ खुलासा?
औषधि विभाग ने जिले की विभिन्न मेडिकल एजेंसियों और सप्लायरों का रूटीन ऑडिट शुरू किया था। इसी दौरान हिंदुस्तान मेडिकल एजेंसी के रिकॉर्ड में कई अनियमितताएं सामने आईं।
जब विभाग ने एजेंसी से —
- बिल,
- सप्लाई वाउचर,
- स्टॉक रजिस्टर,
- खरीद और बिक्री के प्रमाण
मांगें, तो कई दस्तावेज या तो उपलब्ध नहीं थे या फर्जी पाए गए। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि कोडीनयुक्त कफ सिरप और नशीली कैप्सूलों का स्टॉक खरीदी और बिक्री के दस्तावेजों से मेल नहीं खाता। रिपोर्ट के अनुसार—
- करीब 34,000 शीशियां कोडीनयुक्त कफ सिरप की सप्लाई दिखाई गई।
- इतनी बड़ी मात्रा सामान्य मेडिकल जरूरतों से कई गुना अधिक है।
- लाखों रुपये की नशीली कैप्सूलों का लेनदेन भी संदिग्ध पाया गया।
- सप्लाई के लिए जारी कई बिल और वाउचर फर्जी या अपूर्ण पाए गए।
- जिन दुकानों या एजेंसियों के नाम सप्लाई दिखाई गई, उनमें से कई ने सप्लाई मिलने से इंकार किया।
स्पष्ट है कि यह स्टॉक औपचारिक चिकित्सा उपयोग के लिए नहीं बल्कि अवैध नेटवर्क में खपाया जा रहा था, जहां कोडीनयुक्त सिरप और भारी मात्रा में कैप्सूल नशे के रूप में बेचे जाते हैं।

🚔 पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
औषधि विभाग की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने हिंदुस्तान मेडिकल एजेंसी के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस –
- एजेंसी के मालिक,
- सप्लायरों,
- जुड़े हुए मेडिकल स्टोरों,
- और परिवहन चैनल
की भूमिकाओं की जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह नेटवर्क कितने समय से सक्रिय था और किन-किन जिलों तक इसकी सप्लाई जाती थी।

📈 जिले में नशे के बढ़ते नेटवर्क को लेकर चिंता
कोडीनयुक्त कफ सिरप और नशीली कैप्सूल का दुरुपयोग युवाओं में नशे की लत बढ़ाने का प्रमुख कारण माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर इस तरह की अवैध सप्लाई होना बेहद चिंताजनक है।
ड्रग कंट्रोल विभाग पहले भी कई जगहों पर इस तरह के मामलों का खुलासा कर चुका है, लेकिन पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं की सप्लाई के सबूत मिले हैं।

🗣 विभाग क्या कहता है?
औषधि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि “सप्लाई के दस्तावेजों का सत्यापन करने पर कई फर्जी कागजात मिले, जिसके बाद तत्काल कार्यवाई की गई।” अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं और कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी संभव है।
पुलिस एजेंसी के गोदाम, रजिस्टर और डिजिटल डेटा की फॉरेंसिक जांच करा रही है। यदि जांच में पुष्टि होती है तो NDPS एक्ट की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। यह मामला जिले में नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।