मुंबई के चेंबूर इलाके में एक मंदिर में काली माता की प्रतिमा को मदर मैरी जैसा रूप दे दिया गया, जिसके बाद इलाके में भारी विवाद छिड़ गया। श्रद्धालुओं और हिंदू संगठनों ने इस बदलाव पर कड़ी आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुँची और पुजारी को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला अब धार्मिक भावनाओं के उल्लंघन के तहत कानूनी कार्यवाई तक पहुँच गया है।
मुंबई के चेंबूर इलाके में सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जिसने पूरे क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी। यहां स्थित एक स्थानीय मंदिर में काली माता की प्रतिमा को बदलकर ऐसा स्वरूप दिया गया, जो मदर मैरी जैसा प्रतीत हो रहा था। रोजाना दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने जब यह बदलाव देखा, तो वे हैरान रह गए और देखते ही देखते आक्रोश व्यक्त करने लगे।

मंदिर पहुंचे श्रद्धालु भड़के, संगठनों ने भी जताया विरोध
जैसे ही स्थानीय लोगों को इस असामान्य बदलाव की जानकारी हुई, बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए। मौके पर हिंदू संगठनों के सदस्य भी पहुँच गए, जिन्होंने प्रतिमा के बदले स्वरूप को धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बताया और मंदिर प्रबंधन से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
श्रद्धालुओं का कहना है कि बिना अनुमति और परंपरा के अनुसार देवी के स्वरूप में इतना बड़ा बदलाव अनुचित है। यह कृत्य जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला प्रतीत होता है।

पुलिस मौके पर पहुंची, पुजारी से पूछताछ
विवाद बढ़ते देख R.C.F पुलिस तुरंत मंदिर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने पुजारी से पूछताछ की कि प्रतिमा का रूप क्यों बदला गया।
पूछताछ के दौरान पुजारी ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें सपने में काली माता ने आदेश दिया था कि उनका स्वरूप बदलकर मदर मैरी जैसा कर दिया जाए। पुजारी के मुताबिक, वे देवी के आदेश का पालन कर रहे थे और उन्हें इस बदलाव के परिणाम का अंदाजा नहीं था।
धारा BNS 299 के तहत मुकदमा, पुजारी गिरफ्तार
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तथा धार्मिक तनाव को रोकने हेतु पुलिस ने पुजारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। पुलिस ने BNS की धारा 299 (धार्मिक भावनाएँ आहत करने से संबंधित प्रावधान) के अंतर्गत पुजारी पर मुकदमा दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।इस घटना के बाद मंदिर के आसपास का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है, लेकिन पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही है।

स्थानीय प्रशासन सतर्क, आगे की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। यह भी पता लगाया जाएगा कि प्रतिमा का स्वरूप वास्तव में पुजारी की व्यक्तिगत इच्छा पर बदला गया था या इसके पीछे कोई और उद्देश्य था। स्थानीय प्रशासन ने सभी धार्मिक स्थलों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि ऐसे और विवाद न उत्पन्न हों।
समाज में मिश्रित प्रतिक्रिया
जहां कुछ लोग इसे पुजारी की व्यक्तिगत धार्मिक अनुभूति मानते हैं, वहीं सामाजिक और धार्मिक संगठनों का कहना है कि किसी भी देवी-देवता की परंपरागत और मान्य मूर्ति के साथ इस तरह का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है और यह समुदाय में तनाव पैदा कर सकता है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि धार्मिक भावनाओं एवं परंपराओं से जुड़े मामलों में बदलाव किस हद तक स्वीकार्य हैं और उन्हें करने का अधिकार किसके पास है।