ईडी ने ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो के निदेशक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। विंजो पर धोखाधड़ी, फंड रोकने, अकाउंट ब्लॉक करने और यूज़र PAN के दुरुपयोग जैसे आरोप हैं। छापेमारी में करोड़ों की रकम फ्रीज की गई।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो से जुड़ा बड़ा धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी के निदेशक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को पूछताछ के बाद बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। दोनों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, विंजो गेम्स प्राइवेट लिमिटेड पर कई गंभीर आरोप लगे हैं जिनमें—
- खिलाड़ियों के अकाउंट ब्लॉक करना,
- यूज़र्स के PAN कार्ड का गलत उपयोग,
- गेम जीतने के बाद भी राशि न देना,
- और करोड़ों रुपये की संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं।
जांच एजेंसी ने बताया कि कंपनी के खिलाफ कई खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 18 नवंबर से 22 नवंबर के बीच ईडी ने दिल्ली, पालम और गुरुग्राम स्थित चार स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एजेंसी को मनी लॉन्ड्रिंग के कई सबूत मिले।

इंडिया न्यूज़ सर्विस (IANS) के अनुसार, छापेमारी के दौरान विभिन्न बैंकों में रखे आठ खातों में मौजूद 18.57 करोड़ रुपये को ईडी ने फ्रीज कर दिया है। इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि खिलाड़ियों के 43 करोड़ रुपये कंपनी द्वारा “होल्ड” किए गए थे। ईडी ने कहा कि सरकार द्वारा कई मनी गेमिंग एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कंपनियों को खिलाड़ियों की राशि वापस करनी थी, लेकिन विंजो ने ऐसा नहीं किया। आरोपों के अनुसार, कंपनी ने इन फंड्स का न तो रिफंड किया और न ही सही तरह से हिसाब प्रस्तुत किया।

ईडी को संदेह है कि कंपनी ने इन पैसों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि क्या कंपनी ने विदेशी खातों में भी फंड ट्रांसफर किए हैं या नहीं। गिरफ्तार निदेशक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा से ईडी ने गहन पूछताछ की है। दोनों से जानने की कोशिश की जा रही है कि कंपनी ने यूज़र्स के पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल किन परिस्थितियों में किया और होल्ड की गई राशि कहां स्थानांतरित की गई।

ईडी के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग और मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की धोखाधड़ी से जुड़े मामलों का उदाहरण है। कई कंपनियाँ खिलाड़ियों की राशि रोकने, अकाउंट ब्लॉक करने और गलत जानकारी देने के आरोपों में पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं। सरकार पहले ही मनी गेमिंग, रियल-मनी बेटिंग और संदिग्ध डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कड़े नियम लागू कर चुकी है। ऐसे में विंजो जैसी कंपनियों पर कार्यवाई अन्य गेमिंग सेवा प्रदाताओं के लिए भी चेतावनी मानी जा रही है।
फिलहाल ईडी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं। खिलाड़ियों के फंड और कंपनी द्वारा किए गए लेनदेन की पूरी जांच के बाद आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में आगे की कानूनी कार्यवाई की जाएगी।