हांगकांग में भीषण अग्निकांड के बाद बांस के मचान पर लग सकती है रोक, 128 मौतों ने उठाए सुरक्षा पर गंभीर सवाल

हांगकांग में हाल ही में हुए दशकों के सबसे भीषण अग्निकांड ने निर्माण और भवन सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। ताई पो चांग स्थित फुक कोर्ट परिसर में लगी आग में 128 लोगों की मौत के बाद अब सरकार बांस के स्कैफोल्डिंग (मचान) को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है। शुरुआती जांच में पाया गया कि नवीनीकरण के दौरान लगाए गए बांस के मचान और सुरक्षा जाल ने आग को तेज़ी से फैलने में बड़ी भूमिका निभाई।

हांगकांग अपनी अत्याधुनिक इमारतों, ऊंचे आवासीय टावरों और तेज़ शहरी विकास के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। लेकिन ताई पो चांग स्थित फुक कोर्ट परिसर में लगी भीषण आग ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था और निर्माण मानकों को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।

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31-मंजिला टावर से शुरू हुई आग, 6 और इमारतों को निगला

अग्निकांड बुधवार देर रात फुक कोर्ट के एक 31-मंजिला आवासीय टावर से शुरू हुआ। आग इतनी तेज़ी से फैली कि कुछ ही घंटों में पूरे परिसर की छह और इमारतें इसकी चपेट में आ गईं।

स्थानीय प्रशासन ने पुष्टि की कि इस दुखद घटना में 128 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। यह हांगकांग के इतिहास के सबसे घातक अग्निकांडों में से एक बन गया है।

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एक वर्ष से चल रहा था नवीनीकरण कार्य

फुक कोर्ट परिसर का पिछले एक वर्ष से नवीनीकरण कार्य चल रहा था। इमारतों के बाहरी हिस्से पर बांस के मचान बंधे थे, जिनके चारों ओर प्लास्टिक और कपड़े का सुरक्षा जाल लगाया गया था। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यही मचान और सुरक्षा जाल आग को एक इमारत से दूसरी इमारत तक तेजी से फैलाने में निर्णायक साबित हुए। बांस ज्वलनशील होता है और एक बार आग लगने पर यह बहुत तेजी से भड़कता है।

बांस स्कैफोल्डिंग: सदियों पुरानी परंपरा, अब जोखिम?

बांस का मचान हांगकांग की निर्माण संस्कृति का हिस्सा है। सदियों से इसका उपयोग ऊंची इमारतों के निर्माण और नवीनीकरण में किया जाता रहा है क्योंकि यह हल्का, सस्ता और जल्दी लगाने योग्य होता है। लेकिन इस घटना के बाद पहली बार सार्वजनिक स्तर पर यह सवाल पूछा जा रहा है— क्या आधुनिक गगनचुंबी इमारतों में बांस का मचान सुरक्षित है? अधिकतर देशों में स्कैफोल्डिंग के लिए धातु (स्टील/एल्युमिनियम) का उपयोग अनिवार्य है, लेकिन हांगकांग ने अब तक पारंपरिक बांस का इस्तेमाल जारी रखा था।घटना के बाद सामने आई एक फोटो ने आग में लापरवाही के तत्व को और गहरा कर दिया।फोटो में मरम्मत कार्य के दौरान एक मजदूर बांस के मचान पर बैठकर धूम्रपान करता दिखाई दे रहा है। हालांकि फोटो की तारीख की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नवीनीकरण के दौरान खुले में धूम्रपान हुआ, तो इससे आग लगने की संभावना और बढ़ सकती थी।

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आग का कारण अब भी स्पष्ट नहीं

प्रशासन ने कहा है कि आग लगने की वास्तविक वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
लेकिन प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि:

  • बांस का मचान
  • प्लास्टिक सुरक्षा जाल
  • नवीनीकरण के मलबे
  • और तेज़ हवा
    इन सभी ने आग को अनियंत्रित रूप से फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई।

बांस मचान पर संभावित रोक—सरकार सख्त कदम उठाने के मूड में

इस घटना के बाद सरकार बांस के मचान पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि भविष्य में धातु के मचान (metal scaffolding) को अनिवार्य किया जा सकता है निर्माण कंपनियाँ इस बदलाव का विरोध कर सकती हैं क्योंकि धातु के स्कैफोल्डिंग की लागत अधिक है। लेकिन जनता का दबाव बढ़ता जा रहा है कि सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

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नागरिकों में गुस्सा, परिवारों में दर्द

128 मौतों के बाद शहर में शोक और रोष दोनों का माहौल है। पीड़ित परिवारों ने सरकार से पूछा है कि नवीनीकरण के दौरान पर्याप्त सुरक्षा उपाय क्यों नहीं किए गए।सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं— “परंपरा अच्छी है, लेकिन जान की कीमत उससे कहीं ज्यादा।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे सवाल

चूंकि हांगकांग विश्व के सबसे आधुनिक शहरों में से एक है, कई देश अब सवाल पूछ रहे हैं कि:

  • इतने विकसित शहर में बांस जैसे ज्वलनशील स्कैफोल्ड कैसे उपयोग किए जा रहे थे?
  • क्या इस आग को रोका जा सकता था?
  • क्या यह लापरवाही का मामला है या एक सिस्टम की विफलता?

Khursheed Khan Raju

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