रिपोर्ट :- खुशबू मिश्रा
इंदौर में बीते कुछ समय से विवाह रद्द होने के मामलों में तेज़ उछाल देखने को मिला है। हैरानी की बात यह है कि ये रिश्ते परंपरागत कारणों से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर मौजूद पुरानी पोस्ट, चैट और डिजिटल गतिविधियों की वजह से टूट रहे हैं। पिछले 40 दिनों में 150 से अधिक शादियाँ रद्द होना इस बात का बड़ा संकेत है कि बदलते दौर में सोशल मीडिया रिश्तों के लिए नई चुनौती बन गया है।
इंदौर, जो अपनी संस्कृति, खान-पान और आधुनिकता के सम्मिश्रण के लिए जाना जाता है, अब एक नई तरह की सामाजिक समस्या का सामना कर रहा है। बीते 40 दिनों में 150 से अधिक शादियाँ सिर्फ इस वजह से टूटी हैं कि लड़का–लड़की की पुरानी सोशल मीडिया गतिविधियों ने दोनों परिवारों को एक-दूसरे के प्रति असहज कर दिया।

वेडिंग इंडस्ट्री संचालकों और विशेषज्ञों के अनुसार, इन टूटते रिश्तों का सबसे प्रमुख कारण सोशल मीडिया की पुरानी पोस्ट, फोटो और निजी चैट रहे हैं। शादी से पहले होने वाले प्री-वेडिंग शूट, आउटिंग और पारिवारिक मुलाकातों के दौरान परिवारों द्वारा जांच-पड़ताल ने कई बार पुराने डिजिटल रिकॉर्ड उजागर किए, जिसके चलते रिश्ते मंडप तक पहुँचने से पहले ही खत्म हो गए।
वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े आंकड़े बताते हैं:
- 62% मामले सोशल मीडिया से जुड़े विवादों के कारण टूटे
- 17% मामलों में परिवारों की असहमति प्रमुख वजह रही
- 13% रिश्ते आर्थिक मतभेदों के चलते टूटे
- 8% मामलों में अन्य व्यक्तिगत कारण शामिल रहे
विशेषज्ञों का मानना है कि पहले रिश्ते परंपरा, जाति, दहेज या पारिवारिक कारणों से टूटते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया एक नई और बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। आज के युवा डिजिटल दुनिया में सक्रिय रहते हैं — उनका सोशल मीडिया इतिहास कई बार अनजाने में ऐसे सवाल उठा देता है, जिनसे परिवार असहज महसूस करते हैं।

कई मामलों में सामने आया कि दूल्हा-दुल्हन की पुरानी चैट, डिलीटेड फोटो, पुराने रिलेशनशिप से जुड़े पोस्ट या टिप्पणियों को गलत तरीके से समझा गया। प्री-वेडिंग शूट या फंक्शन के दौरान किसी परिचित ने पुराने डिजिटल कंटेंट दिखा दिया और देखते ही देखते पूरा रिश्ता खतरे में पड़ गया। इंदौर की वेडिंग इंडस्ट्री पहले ही बड़ी लागत वाले आयोजनों और कर्मचारियों की बुकिंग के कारण प्रभावित होती है। अचानक शादियाँ रद्द होने से उद्योग को लगभग 25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। केटरिंग, वेन्यू बुकिंग, डेकोरेशन, फोटो शूट, मेकअप आर्टिस्ट, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेवाओं में भारी रद्दीकरण देखने को मिला।

साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि सोशल मीडिया आज सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि व्यक्ति की पूरी डिजिटल पहचान बन चुका है। विवाह जैसे महत्वपूर्ण रिश्ते में यह पहचान किसी भी समय निर्णायक भूमिका निभा सकती है। सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है – “पहले रिश्ते रस्मों की वजह से टूटते थे, अब रिश्ते पोस्टों की वजह से टूट रहे हैं।”लगातार बढ़ रहे इन मामलों ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि डिजिटल व्यवहार और ऑनलाइन छवि आज रिश्तों का भविष्य तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।